- आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है
- आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का जोर कारोबारों को बचाने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने का खाका तैयार करने पर है
- आत्मनिर्भर भारत पैकेज देश को अभूतपूर्व संकट से बाहर निकालेगा
Aatmanirbhar Bharat package : वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय 20.97 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं को तेजी से लागू कर रहा है। इसके भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई तरह के बेहतर प्रभाव होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कोविड-19 संकट से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में उद्योग और नागरिकों के लिए हर संभव कदम उठा रही है। देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य उसे इस तरह के अभूतपूर्व संकट से बाहर निकालेगा। वह उद्योग मंडल फिक्की के एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
दो दशकों में होने वाले सुधार को दो हफ्तों में पूरा
ठाकुर ने कहा कि वित्त मंत्रालय हालात की नियमित समीक्षा कर रहा है और सरकार की घोषणाओं को अब तक तेजी से लागू करता आ रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज देश की अर्थव्यवस्था पर कई तरह से असर डालेगा। यदि इस पैकेज पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि दो दशकों में होने वाले सुधार को दो हफ्तों में पूरा कर लिया गया। भारत का मतलब अब एक ऐसी दुनिया में कारोबार करने से है जहां अब कारोबार की दुनिया काफी बदल गई, पहले जैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का जोर कारोबारों को बचाने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने का खाका तैयार करने पर है।
लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपए की ऋण सुविधा
पांच चरणों में घोषित इस पैकेज में सरकार ने लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपए की ऋण सुविधा, गैर-बैंकिंग कंपनियों और बिजली कंपनियों को ऋण सहायता, किसानों और प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न और नकदी सहायता जैसे कई कदम उठाए हैं।
मीडिया और मनोरंजन उद्योग में तेजी से बढ़ सकता है रोजगार
मीडिया और मनोरंजन उद्योग के बारे में ठाकुर ने कहा कि रचनात्मक कार्यों का क्षेत्र एक उच्च वृद्धि वाला क्षेत्र है। यदि इसको ठीक से पोषित किया जाए तो यह प्रतिस्पर्धा, उत्पादकता, सतत वृद्धि और रोजगार को तेजी से बढ़ाने में मदद कर सकता है और देश की निर्यात क्षमता को बढा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के सामने बड़ी चुनौती बौद्धिक संपदा अधिकारों और कॉपीराइट के डिजिटलीकरण, कुशल कार्यबल और वितरण नेटवर्क तक पहुंच की है।
मीडिया और मनोरंजन उद्योग पूरी तरह से विज्ञापन पर निर्भर
मीडिया और मनोरंजन उद्योग पूरी तरह से विज्ञापन पर निर्भर है जबकि वैश्विक स्तर पर इनकी आय का मुख्य जरिया वितरण नेटवर्क और उपयोक्ताओं से आने वाला पैसा है। इन सभी पहलुओं को साथ लाने की जरूरत है ताकि आय और वृद्धि के नए रास्ते बनाए जा सकें।