- टिक टॉक के बाद अलीबाबा सहित चीन की अन्य कंपनियों पर कार्रवाई कर सकते हैं ट्रंप
- राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताकर टिक टॉक पर की गई है अमेरिका में कार्रवाई
- भारत में टिकटॉक पर रोक लगने के बाद अमेरिका में इसे बैन करने की उठी है मांग
वाशिंगटन : टिकटॉक के साथ लेन-देन पर रोक लगाने के शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीनी की बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि ट्रंप आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा सहित चीन के स्वामित्व वाली कई बड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर सकते हैं। ट्रंप ने कुछ दिनों पहले टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस को निशाना बनाते हुए इससे साथ वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाई है।
अन्य चीनी कंपनियों पर कार्रवाई कर सकता है अमेरिका
'फॉक्स न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक अलीबाबा सहित अन्य चीनी कंपनियों पर कार्रवाई करने के बारे में ट्रंप ऐसे समय विचार कर रहे हैं जब उनकी तरफ से गत 14 अगस्त को एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया गया। इस आदेश में बाइटडांस से टिकटॉक में अपना हिस्सा 90 दिनों में अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक आदेश में ट्रंप ने कहा, 'इस बात के विश्वसनीय प्रमाण हैं और इन्हें देखने के बाद मेरा मानना है कि बाइटडांस अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बन सकती है।'
सुरक्षा के लिए खतरा बताकर हुई कार्रवाई
इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि 'अमेरिकी प्रशासन अविश्वसनीय चीनी एप टिकटॉक एवं वीचैट से अपने नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए कदम उठा रहा है। अमेरिका इन चीनी एप को अपने एप स्टोर से इन्हें हटाना चाहता है।' पोंपियों के अलावा रिपब्लिकन पार्टी सहित अन्य अमेरिकी सांसदों ने टिकटॉक की गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की है और इस पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। अमेरिकी नेताओं का आरोप है कि टिकटॉक का स्वामित्व रखने वाली कंपनी बाइटडांस के संबंध चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ हैं और यह कंपनी अन्य देशों में चीन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम करती है। चीन की कंपनियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच तनातनी
दरअसल, भारत की ओर से टिकटॉक सहित चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अमेरिका में भी टिकटॉक को बैन किए जाने की मांग ने जोर पकड़ी है। समझा जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अन्य चीनी कंपनियों पर बैन लगाने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं। बीते कुछ समय से अमेरिकी और चीन के बीच कई मुद्दों पर तनातनी बनी हुई है। खासकर अपनी आर्थिक नीतियों, दक्षिण चीन सागर, कोविड-19 के संक्रमण को लेकर बीजिंग अमेरिका के निशाने पर है। कोविड-19 संकट को लेकर ट्रंप कई बार चीन पर हमला बोल चुके हैं।