- टेक्नोलॉजी से आजकल नकद लेनदेन काफी आसान हो गया है।
- ट्रांजैक्शन करने से पहले आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
- लोग अक्सर टैक्स बचाने के तरीके ढूंढते रहते हैं।
Tax Rules: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax department) कैश ट्रांजैक्शन को लेकर काफी सतर्क है। ऐसे में आपको भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि आयकर विभाग का नोटिस ना आ जाए। आज हम आपको 5 ऐसी नकद लेनदेन के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें करते वक्त आपको सावधान रहना चाहिए वरना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भी भेज सकता है।
सेविंग्स या करंट अकाउंट (Saving or Current Account)
एक व्यक्ति के लिए सेविंग अकाउंट में नकद जमा की सीमा 1 लाख रुपये तय की गई है। इसलिए, अगर कोई बचत अकाउंट होल्डर बचत खाते में सीमा से अधिक जमा करता है, तो उसे आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। इसी तरह, करंट अकाउंट होल्डर्स के लिए यह सीमा 50 लाख रुपये निर्धारित की गई है, जिसका उल्लंघन करने पर आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है।
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क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट (Credit Card Bill Payment)
क्रेडिट कार्ड ने कई व्यक्तियों के लिए भुगतान को आसान और परेशानी मुक्त बना दिया है। हालांकि, यूजर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने कार्ड बिल का पेमेंट करते समय 1 लाख रुपये की सीमा को पार न करें। अगर नकद सीमा पार हो जाती है तो आईटी विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।
बैंक एफडी (Fixed Deposit)
फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का काफी लोकप्रिय विकल्प है, बैंक एफडी 10 लाख रुपये तक की नकद जमा की अनुमति देता है। जमाकर्ताओं के लिए निर्धारित राशि से आगे जाना उचित नहीं है।
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म्युचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, बॉन्ड, डिबेंचर
पिछले कुछ समय से भारत में डीमैट अकाउंट्स की संख्या में भारी उछाल देखा गया है। शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों को पता होना चाहिए कि उनके नकद निवेश की सीमा 10 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर कोई सीमा से अधिक जाता है, तो उन्हें आयकर विभाग द्वारा नोटिस मिल जा सकता है।
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रियल एस्टेस (Real Estate)
ट्रेडिंग प्रॉपर्टी के मामले में आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि 30 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन उचित नहीं है। सीमा से अधिक लेन-देन करने पर आयकर विभाग का ध्यान आकर्षित हो सकता है।