नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कानपुर में एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। सीबीआई ने कानपुर की कंपनी रोटोमैक ग्लोबल (Rotomac Global) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। कंपनी पर पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) से कथित तौर 93 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस संदर्भ में अधिकारियों ने जानकारी दी कि केंद्रीय एजेंसी ने कंपनी के निदेशक राहुल कोठारी और साधना कोठारी को प्राथमिकी में बतौर आरोपी नामित किया है।
कैसे किया करोड़ों का फ्रॉड?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रोटोमैक ग्लोबल के निदेशक विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर बेइमानी की मंशा से फर्जी लोन अकाउंट, स्टॉक स्टेटमेंट और अन्य वित्तीय दस्तावेज जमा कराए और बैंक से धोखाधड़ी की। उल्लेखनीय है कि विक्रम कोठारी की अब मृत्यु हो चुकी है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा कि उन्होंने नकली ट्रांजैक्शंस को जानकारी दी और उन्हें वास्तविक दस्तावेज के तौर पर दिखाया। इससे बैंक को नुकसान हुआ और इस प्रकार उन्होंने बैंक से धोखाधड़ी (Bank Fraud) हुआ।
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2013 में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स द्वारा क्रेडिट सुविधाओं को मंजूरी दी गई थी, जिसका अब पीएनबी में विलय हो चुका है। 30 जून 2016 को लोन अकाउंट को नॉन- परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर दिया गया था और बाद में इसे धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया। एजेंसी ने कहा है कि आरोपियों की कार्रवाई से पंजाब नेशनल बैंक को 93.53 करोड़ रुपये का 'गलत तरीके से आर्थिक नुकसान' हुआ है।
ग्रुप की कंपनियों पर अन्य केस
अधिकारियों ने कहा कि रोटोमैक ग्रुप की कंपनियां पहले से ही सात बैंकों के एक संघ में 3,695 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया में 806.75 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित दो अलग-अलग सीबीआई जांच का सामना कर रही हैं।