- IHH Health के ओपन ऑफर पर रोक जारी रहेगी, दिल्ली हाईकोर्ट फैसला लेगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने फोरेंसिक जांच के आदेश दिए।
- SC ने सिंह बंधुओं को 6 महीने की जेल की सजा सुनाई।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फोर्टिस के लिए IHH के ओपन ऑफर पर रोक को बरकरार रखा है। कोर्ट ने ट्रांजैक्शन के ऑडिट के लिए फॉरेंसिक जांच का आदेश देने के साथ यह भी कहा कि IHH के ओपन ऑफर पर फैसला दिल्ली हाईकोर्ट लेगा। कोर्ट ने दाइची मामले का निपटारा किया और सिंह बंधुओं को 6 महीने जेल की सजा भी सुनाई।
क्या था Fortis-IHH मामला?
मलेशिया के IHH हेल्थकेयर ने 2018 में फोर्टिस में 31% हिस्सा खरीदा था। इसके बाद कंपनी को अतिरिक्त 26% के लिए अनिवार्य ओपन ऑफर लाना था। आईएचएच हेल्थकेयर ने अगस्त 2018 में इंडिपेंडेंट बोर्ड की देखरेख में बोली लगाने के बाद $1.1 बिलियन में हिस्सा लिया था।
पहले क्यों फंसा IHH का ओपन ऑफर
दरअसल ओपन ऑफर दाइची और सिंह बंधुओं के बीच लेनदेन के एक पुराने कानूनी विवाद के जारी रहने के चलते रुका था। जापान की फार्मा कंपनी दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) ने ₹3,600 करोड़ की रिकवरी के लिए Fortis-IHH डील को चुनौती दी थी। दाइची ने दावा किया था कि उन्होंने मलविंदर-शिविंदर सिंह के खिलाफ आर्बिट्रेशन अवॉर्ड जीता था।
सिंह बंधुओं का क्या है कनेक्शन?
मलविंदर सिंह-शिविंदर सिंह Fortis Health के पुराने प्रोमोटर हैं। दाइची सैंक्यो ने आरोप लगाया था कि सिंह बंधुओं ने 17 लाख शेयर गिरवी रखे। सुप्रीम कोर्ट ने फोर्टिस को शेयर गिरवी रखने के लिए मना किया था। अप्रैल 2016 में आर्बिट्रेशन कोर्ट ने दाइची सैंक्यो के पक्ष में फैसला देते हुए यह कहा कि सिंह बंधू दाइची सैंक्यो को 7 नवंबर 2008 से 4.44% ब्याज के साथ 2,564 करोड़ रुपए का हर्जाना चुकाएं।
आज ऐसी रही शेयर की चाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयर में स्टॉक में 16% से ज्यादा की जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, जो की 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट है। हालांकि शेयर में मामूली रिकवरी भी दिखी लेकिन 14.95% की भारी गिरावट के साथ 264.80 पर बंद हुआ। शेयर ने इंट्राडे में 250.35 का निचला स्तर छुआ था।