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बैंक FD नहीं है फायदे का सौदा, महंगाई और कम ब्याज दरों से बिगड़ा खेल

Updated Sep 23, 2021 | 20:23 IST

Fixed Deposit (FD) Interest Rate: वित्त वर्ष 2020-21 में बैंकों के पास कुल 151.1 लाख करोड़  रुपये जमा था। जिसमें 88.4 लाख करोड़ रुपये टर्म डिपॉजिट (FD) के रुप में जमा था।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
बैंक एफडी पर रिटर्न महंगाई की वजह से जीरो हो गया है
मुख्य बातें
  • SBI FD पर 2.90 फीसदी से 5.40 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। ICICI BANK 2.50 फीसदी 5.5 फीसदी ब्याज दे रहा है।
  • महंगाई दर अगस्त  2021 में 5.3 फीसदी थी, जुलाई में 5.59 फीसदी थी, जबकि अगस्त 2020 में 6.69 फीसदी थी।
  • एफडी पर लगने वाला टैक्स को जोड़ दिया जाय तो रिटर्न और भी कम हो जाता है।

नई दिल्ली:  आम तौर भारत में बैंक एफडी (Bank FD)को निवेश और रिटर्न के लिए सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। लेकिन अब एफडी  रिटर्न के मामले में पहले जैसे नहीं रह गई है। इसकी वजह यह है कि एक तो डिपॉजिट पर मिलने वाला रिटर्न न्यूनतम स्तर पर है। वहीं महंगाई भी आरबीआई (RBI) के सामान्य स्तर से कहीं ज्यादा है। इसका सीधा असर लोगों की जमाओं (Deposits) पर हुआ है। यानी भले ही आपने बैंक में एफडी करा रखी है लेकिन महंगाई की वजह से वास्तविरक रिटर्न जीरो ही है।

अभी कितना मिल रहा है रिटर्न

एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट Ecowrap के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में बैंकों के पास कुल 151.1 लाख करोड़  रुपये जमा था। जिसमें 88.4 लाख करोड़ रुपये टर्म डिपॉजिट (FD) के रुप में जमा था। जबकि 47.9 लाख करोड़ रुपये सेविंग अकाउंट में जमा  है। रिपोर्ट के अनुसार सेविंग अकाउंट पर बैंकों की औसतन लागत 2.8 फीसदी (ब्याज) जबकि टर्म डिपॉजिट पर 5.0 फीसदी है। यानी अगर कोई व्यक्ति बैंक एफडी कर रहा है तो उसे औसतन 5.0 फीसदी का ही ब्याज मिल रहा है। 

बैंक बाजार के अनुसार इस समय एसबीआई (SBI) FD पर 2.90 फीसदी से 5.40 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK) 2.50 फीसदी 5.5 फीसदी, एचडीएफसी बैंक (HDFC BANK) 2.5-5.5 फीसदी, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 2.90 से 5.25 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। ज्यादातर प्रमुख बैंक के एफडी रेट अधिकतम 5.0 फीसदी के दायरे में हैं।

महंगाई ब्याज से ज्यादा

अब महंगाई (Retail Inflation) की बात की जाय तो वह अगस्त  2021 में 5.3 फीसदी थी, जबकि जुलाई में वह 5.59 फीसदी थी, जबकि एक साल पहले अगस्त 2020 में वह 6.69 फीसदी थी। जबकि अगस्त 2020 में बैंकों का औसतन डिपॉजिट रेट देखा जाय तो वह 5.50 फीसदी था। साफ है कि अगर एक साल पहले आपने एफडी में निवेश किया होगा, तो महंगाई को देखते हुए आपको एक साल में जीरो रिटर्न मिलेगा। और अगर एफडी पर लगने वाला टैक्स को जोड़ दिया जाय तो यह रिटर्न और भी कम हो जाता है। 

एफडी  पर टैक्स हटाने की जरूरत

मौजूदा स्थिति को देखते हुए एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि अब  समय आ गया है कि एफडी पर लगने वाले टैक्स पर फिर से विचार किया जाय। इसके अलावा आरबीआई को उम्र के आधार पर ब्याज दरें तय करने की इजाजत भी बैंकों को देनी चाहिए। अभी यह इजाजत केवल वरिष्ठ नागरिकों तक ही सीमित है।


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