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एजुकेशन सेक्टर भी चाहता है बजट से बूस्ट, क्या मिलेगी राहत?

Updated Jan 21, 2022 | 13:48 IST

Union Budget 2022-23: एजुकेशन सेक्टर के लिए अधिक खर्च से लेकर कर लाभों के विस्तार तक की उम्मीद की जा रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Budget 2022: एजुकेशन सेक्टर भी चाहता है बजट से बूस्ट, क्या मिलेगी राहत?
मुख्य बातें
  • वित्त मंत्री 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करेंगी।
  • आगामी बजट से एजुकेशन सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं।
  • EduTech सेगमेंट के लिए जीएसटी में ढील की मांग की जा रही है।

Budget 2022: शिक्षा क्षेत्र (Education sector) आगामी केंद्रीय बजट 2022 से कई उम्मीदें कर रहा है। इस क्षेत्र को अधिक खर्च से लेकर कर लाभों के विस्तार तक की उम्मीद है। एजुकेशन सेक्टर, विशेष रूप से EduTech सेगमेंट के लिए जीएसटी में ढील की मांग लंबे समय से लंबित रही है।

शिक्षा क्षेत्र के दिग्गज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy, NEP) को लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सरकार से समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही शिक्षा के लिए अधिक कोष, तकनीक तक पहुंच के मामले में भी समर्थन की उम्मीद है। EduTech कंपनियों के लिए जीएसटी में छूट की भी मांग की जा रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। विशेषज्ञों को इंतजार है कि एक फरवरी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बजट क्या नया रोडमैप और विजन लाएगा।

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एजुकेशन सेक्टर की मांगें (Union Budget 2022-23 Education Sector Expectations)

कन्वर्जिया (एस चंद पब्लिशर्स) के सीईओ और निदेशक विनय शर्मा कहते हैं, 'एनईपी में कई पहलों को लागू किया जा सकता है अगर बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण में निवेश करने के लिए शिक्षा बजट बढ़ाया जाता है, साथ ही, एडटेक कंपनियों ने ऑनलाइन क्लास के संचालन के साथ सक्रिय भूमिका निभाई है, स्कूल और कॉलेज का समर्थन किया है, लेकिन देश के हर कोने में पहुंच की चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। डिजिटल कंटेंट पर जीएसटी में कमी से इसके उपयोग को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2021 के दौरान बजट अनुमान के रूप में 93,224 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जो कि 2020 के बजट अनुमान से 6,000 करोड़ रुपये कम था, लेकिन 2020-21 के संशोधित अनुमान से 9.5 फीसदी अधिक था। 2021-22 के लिए कुल शिक्षा परिव्यय में से, स्कूल को 54,873 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और शेष उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चला गया था।

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ओसवाल बुक्स के सीईओ प्रशांत जैन कहते हैं, 'ह्यूमन कैपिटल में सही नीतियों और निवेश के साथ, भारत युवाओं को इस संकट से बाहर निकालने और आर्थिक और सामाजिक विकास के मार्ग पर चलने के लिए सशक्त बनाने की कुंजी रखता है। एनईपी 2020 सरकार का अच्छा कदम है। लेकिन वित्त मंत्री को सार्वजनिक निवेश को जीडीपी के 3 फीसदी से 6 फीसदी तक बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द शिक्षा बजट को दोगुना करना चाहिए। 

EduBridge लर्निंग के सीईओ गिरीश सिंघानिया ने कहा, 'केवल एक कुशल और प्रतिस्पर्धी कार्यबल ही हमें महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। भारत के युवाओं को सही मानसिकता और कौशल से लैस होना चाहिए। कॉर्पोरेट भारत और दुनिया बहु-कुशल व्यक्तियों के लिए तरस रही है, जो आज और कल प्रभावी ढंग से योगदान कर सकते हैं। मैं वित्त मंत्री से अनुरोध करता हूं कि जीएसटी में छूट दी जाए क्योंकि इससे काफी मदद मिलेगी। और साथ ही औपचारिक एजुकेशन के साथ-साथ एक स्किल सीखना अनिवार्य किया जाए।

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