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Budget 2022 Fiscal Deficit: 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट 4.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य

Updated Feb 01, 2022 | 14:07 IST

Budget 2022 Highlights in Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 में राजकोषीय घाटा 6.4 फीसद पर रहने की उम्मीद जताई है। 2025-26 तक इसे 4.5 फीसद पर लाया जाएगा।

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Budget 2022 Fiscal Deficit: 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट 4.5 फीसद रखने का लक्ष्य
मुख्य बातें
  • 2022-23 में फिस्कल डेफिसिट 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद
  • राज्यों को फिस्कल डेफिसिट 4 प्रतिशत रखने की अनुमति
  • 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट 4.5 प्रतिशत रखने का लक्ष्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार के राजकोषीय घाटे, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4% रहेगा। अप्रैल-नवंबर 2021 की अवधि में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सालाना आधार पर 35.3 प्रतिशत घटकर 6.96 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 46.2 प्रतिशत था, क्योंकि कर संग्रह मजबूत रहा और खर्च उसकी तुलना में कम रहा। 

राज्यों को फिस्कल डेफिसिट 4 फीसद रखने की अनुमति
2021-22 के बजट में पूरे वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 15.07 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत था, जिसे संशोधित कर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है। बजट में 2025-26 तक सकल घरेलू उत्पाद का 4.5% राजकोषीय घाटा प्रस्तावित किया गया है। 2022-23 में राज्यों के लिए जीएसडीपी के 4% के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी।



सरकारी खर्च की तुलना में कर संग्रह में बढ़ोतरी
अप्रैल-नवंबर में कुल प्राप्तियों में 66.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मजबूत कर संग्रह के वजह से संभव हुआ। इस बीच कुल व्यय, इसी अवधि में केवल 8.8 प्रतिशत बढ़ा था।हालांकि, नवंबर 2021 में कुछ गिरावट देखी गई, कुल प्राप्तियों में साल-दर-साल 19.0 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि खर्च में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।नतीजतन, नवंबर 2020 की तुलना में महीने के लिए राजकोषीय घाटा 21.4 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।जबकि केंद्र ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए खर्च करना जारी रखा है महामारी में लागू प्रतिबंधों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने से कर राजस्व में वृद्धि हुई है और इसके खजाने को भरने में मदद मिली है।"

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फिस्कल डेफिसिट से संबंधित कुछ बिंदु

  1. 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का अनुमानत: 6.4 प्रतिशत  
  2. राजकोषीय घाटा स्‍तर को 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने के लिए राजकोषीय समेकन का व्‍यापक मार्ग बरकरार रखा गया
  3. पूंजी व्‍यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 2021-22 के 5.54 लाख करोड़ रुपये से 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये किया गया 
  4. 2022-23 में पूंजी व्‍यय परिव्‍यय जीडीपी का 2.9 प्रतिशत रहेगा
  5. 2022-23 के लिए सरकार की कुल बाजार उधारियों के 11,58,719 करोड़ रुपये रहने का अनुमान

बाजार से उधारी पर क्या है खास
अप्रैल-नवंबर 2021 में सकल कर राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि से 50.3 प्रतिशत अधिक था, नवंबर 2021 में 18.2 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।नवंबर 2021 की शुरुआत में घोषित पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का कोई असर नहीं हुआ क्योंकि इस महीने के लिए केंद्र का उत्पाद शुल्क संग्रह अक्टूबर 2021 में 32,379 करोड़ रुपये से 37,867 करोड़ रुपये बढ़ गया। 2022-23 के लिए सरकार की कुल बाजार उधारियों के 11,58,719 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 2021-22 के लिए इसके संशोधित अनुमानों के 9,67,708  करोड़ रुपये के बजट अनुमानों के मुकाबले 8,75,771 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 

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