- रेलवे के कर्मचारियों को 78 दिन का मिलेगा बोनस,लाखों कर्मचारियों को होगा फायदा
- सरकार के मुताबिक कुल 1984 करोड़ रुपये का होगा भुगतान
- प्रति पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेलवे के सभी पात्र अराजपत्रित कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कार्मिकों को छोड़कर) को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) (Productivity Linked Bonus) को मंजूरी दे दी है। रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान का वित्तीय भार 1984.73 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
78 दिनों की राशि
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पात्र अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रतिमाह है। प्रति पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है। आपको बता दें कि हालिया दिनों में रेलवे के समय में काफी सुधार हुआ है औऱ 2019 -20 की तुलना में इस साल लोडिंग ज्यादा हैं। रेलवे 1700 से ज्यादा मेल एक्सप्रेस चला रहा है। सेफ्टी पर ज्यादा ध्यान दौया है।
साढ़े 11 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
इस निर्णय से लगभग 11.56 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है। आपको बता दें कि पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा/पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। कैबिनेट के इस निर्णय को इस साल की छुट्टियों से पहले ही लागू किया जाएगा। वित्त वर्ष 2010-11 से 2019-20 के लिए 78 दिनों के वेतन की पीएलबी राशि का भुगतान किया गया। वर्ष 2020-21 के लिए भी 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जाएगा। रेलवे में उत्पादकता से जुड़ा बोनस पूरे देश में फैले सभी अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को कवर करता है।
पीएलबी की गणना की प्रक्रिया :
- कैबिनेट की 23.9.2000 को हुई बैठक में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित फॉर्मूले के अनुसार वर्ष 1998-99 से 2013-14 (2002-03 से 2004-05 को छोड़कर, जब कैपिटल वेटेज तथा कर्मचारियों की संख्या के संदर्भ में मामूली बदलाव किए गए थे) तक पीएलबी का भुगतान किया गया है। यह फॉर्मूला इनपुट : आउटपुट आधारित था, जहां आउटपुट की गणना कुल टन किलोमीटर के रूप में की गई थी और इनपुट को अराजपत्रित कर्मचारियों की कैपिटल वेटेज द्वारा संशोधित संख्या (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) के रूप में माना गया था।
-वित्त वर्ष 2012-13 के लिए 78 दिनों के वेतन के समतुल्य पीएलबी को एक विशेष मामले के रूप में इस शर्त के साथ अनुमोदित किया गया था कि छठे सीपीसी की सिफारिशों और वित्त मंत्रालय के विचारों को ध्यान में रखते हुए पीएलबी के फार्मूले पर फिर से विचार किया जाएगा। इसके परिणामस्वनरूप, रेल मंत्रालय ने एक नया फॉर्मूला तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया।
- समिति ने सिफारिश की थी कि वर्ष 2000 के फॉर्मूले और ऑपरेशन रेशियो (ओआर) पर आधारित डाई न्यू फॉर्मूला दोनों का वेटेज 50:50 के अनुपात में हो सकता है। इस फॉर्मूले ने भौतिक मापदंडों के संदर्भ में तथा वित्तीय मानकों के रूप में भी उत्पादकता के समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है। समिति द्वारा अनुशंसित फॉर्मूले का इस्तेमाल 2014-15 से 2019-20 तक पीएलबी की गणना के लिए किया गया है।