Cooking oil/oilseed price today: महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है। पेट्रोल और डीजल के अलावा खाद्य तेल की कीमतें भी उपभोक्ताओं पर दोहरा हमला कर रही हैं। एक तरफ जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार आम आदमी की जेब में छेद कर रही हैं, वहीं अब महंगा खाद्य तेल भी रसोई का बजट बिगाड़ रहा है। पिछले एक साल में विभिन्न प्रकार के खाद्य तेल की कीमतें 30 से 60% तक महंगा हो गई हैं। जो उपभोक्ता पर दोहरी मार कर रही है। कच्चा पाम तेल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। सोयाबीन और सोया तेल की कीमतों में भी एक साल में 30% से 60% के बीच वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य तेल इतना महंगा हो गया है।
खाद्य तेल इतना महंगा क्यों हो रहा है?
खाद्य तेल की ग्लोबल आपूर्ति में कमी आई है, बाय-फ्यूल के लिए कच्चे पाम तेल की मांग बढ़ी है, चीन में भी सोयाबीन की मांग बढ़ रही है। ब्राजील, अर्जेंटीना में खराब मौसम के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है और घरेलू बाजार में भी खपत में वृद्धि हुई है। त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य तेल की मांग बढ़ेगी और कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है, जैसा कि अनुमान लगाया गया है।
उधर विदेशी बाजारों में तेजी के रुख तथा स्थानीय बाजार में शादी विवाह, त्यौहारों की मांग बढ़ने और स्टॉक की कमी से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को करीब सभी खाद्य तेलों के भाव में सुधार का रुख रहा और भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। बाजार जानकार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 1 प्रतिशत और शिकागो एक्सचेंज में 2.5% की तेजी रही जिसका स्थानीय कारोबार, कीमतों पर भी असर हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रमुख उत्पादक देश, अर्जेन्टीना और ब्राजील में शुष्क मौसम स्थिति के कारण सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित होने से पूरे विश्व में हल्के तेलों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। त्यौहारों और शादी विवाह की मांग बढ़ने से सरसों, मूंगफली, बिनौला, तिल, सीपीओ एवं पामोलीन, सोयाबीन सहित मक्का खल में भी तेजी रही।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपए प्रति क्विंटल)
- सरसों तिलहन - 5,900 - 5,950 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए।
- मूंगफली दाना - 6,120- 6,185 रुपए।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,950 रुपए।
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,400 - 2,460 रुपए प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 12,850 रुपए प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,045 -2,135 रुपए प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,175 - 2,290 रुपए प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,000 - 17,000 रुपए।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपए।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपए।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,250 रुपए।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 11,100 रुपए।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,250 रुपए।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,000 रुपए।
- पामोलिन कांडला 12,000 (बिना जीएसटी के)
- सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी 5,410 - 5,460 रुपए,
- लूज में 5,260- 5,310 रुपए
- मक्का खल (सरिस्का) 3,550 रुपए
सूत्रों ने कहा कि तिलहन फसलों को सरकार का समर्थन मिलता रहा और सरसों एवं सोयाबीन को चालू सत्र जैसा समर्थन जारी रहा तो किसानों का भरोसा बढ़ेगा और देश में तिलहन फसलों का बढ़ा हुआ उत्पादन हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जायेगा। सरकार को तिलहनों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करते हुये इनकी बाजार स्थिति और परिदृश्य पर गौर करना चाहिये। आमतौर पर पर तिलहन में किसानों को कई बार एमएसपी नहीं मिलता है।