- कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और लॉजिस्टिक लागत बढ़ने से निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाना चुनौती
- चालू वित्त वर्ष में सरकार को वस्तुओं का निर्यात 400 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है।
- वित्त वर्ष 2022-23 में 500 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा जा सकता है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में छोटे शहरों के लिए बड़े ऐलान कर सकती हैं। इसके तहत छोटे शहरों को निर्यात केंद्र के रूप स्थापित करने का खाका पेश किया जा सकता है। इसके लिए शहरों में डेडिकेटेड निर्यात केंद्र और अलग से बजट आवंटन का प्रावधान हो सकता है। केंद्र सरकार 2022-23 में वस्तुओं के निर्यात को 500 अरब डॉलर ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
क्या है तैयारी
केंद्र सरकार 2022-23 में 500 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए निर्यात केंद्रों का दायरा बढ़ाना चाहती है। इसके तहत, अब छोटे शहरों में निर्यात संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। साथ ही वहां पर ऐसे इंफ्रास्ट्रक्टचर तैयार करने की योजना है जिससे निर्यात के लिए वस्तुओं का ट्रांसपोर्टेशन आसानी से हो सके। छोटे शहरों से निर्यात की लागत को कम करने के लिए खास प्रावधान किए जा सकते हैं।
पहले से चली आ रही ओडीओपी स्कीम को भी मजबूत किया जाएगा। जिससे कि कम निर्यात करने वाले राज्यों की निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ सके। अभी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से प्रमुख रूप से निर्यात होता है। उत्तर भारत के राज्यों से निर्यात बढ़ाने के लिए खास प्रावधान हो सकते हैं। जहां से कृषि उत्पादों पर खास तौर से फोकस रहेगा।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इंडिया के चेयरमैन महेश देसाई का कहना है कि दिसंबर के महीने में इंजीनियिरिंग गुड्स एक्सपोर्ट ने निर्यात में 38 फीसदी की ग्रोथ हासिल की है। सेक्टर में टिकाऊ ग्रोथ के लिए बजट में बढ़ती कच्चे माल की कीमतों और लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि सरकार बजट में स्टील,कॉपर, एल्युमुनियम और दूसरे कच्चे माल की कीमतों में कमी लाने के कदम उठाएगी।
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400 अरब डॉलर वस्तुओं का निर्यात
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सदस्यों के साथ हुई वाणिज्य मंत्रालय की हाल में हुई बैठक में, इस बात का पूरा भरोसा जताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर की उपलब्धि हासिल कर ली जाएगी। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में 300 अरब डॉलर का निर्यात किया जा चुका है।और अगले साल के लिए 500 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा जाएगा। वस्तुओं के अलावा, चालू वित्त वर्ष में सर्विस सेक्टर में 250 अरब डॉलर तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए।
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