- फाइनेंशियल सेक्टर में नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
- वित्त मंत्रालय PSB और वित्तीय संस्थानों में खाली पड़े पदों और मासिक नियुक्ति योजना को लेकर बैठक करेगा।
- बैठक में GeM पोर्टल के जरिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों की खरीद स्थिति की भी समीक्षा होगी।
नई दिल्ली। आर्थिक वृद्धि के साथ- साथ देश में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर पैदा करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। बेरोजगारी खत्म करने के लिए केंद्र की ओर से कई स्कीम भी चल रही हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) जल्द ही बड़ा कदम उठा सकती हैं। रोजगार की स्थिति का जायजा लेने और फाइनेंशियल सेक्टर में बहुप्रतीक्षित नौकरियों के लिए मासिक भर्ती योजना (Monthly Recruitment Plan) के लिए वित्त मंत्रालय ने बुधवार को राज्य द्वारा संचालित बैंक प्रमुखों की एक बैठक बुलाई है।
28 फीसदी ज्यादा बैंक ब्रांच
मार्च 2021 को समाप्त 10 सालों के दौरान सरकारी सेक्टर की बैंक ब्रांच की संख्या में 28 फीसदी की वृद्धि हुई है। मार्च 2021 के अंत में, इस सेक्टर के बैंकों की देश भर में 86,311 शाखाएं थी। इसके अलावा लगभग 1. 4 लाख एटीएम भी थे। जबकि एक दशक पहले, उनकी 67,466 शाखाएं और 58,193 एटीएम थे।
कर्मचारियों की संख्या में गिरावट
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि कर्मचारियों की कुल संख्या 2010-11 में 7.76 लाख से कम होकर 2020-21 में करीब 7.71 लाख हो गई है। जबकि बैंकिंग क्षेत्र में अधिकारियों की संख्या में लगभग 26 फीसदी की वृद्धि हुई है। टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग और इन ग्रेडों में भर्ती की कमी की वजह से क्लर्क और सबॉर्डिनेट कर्मचारियों की संख्या में तेज गिरावट आई है।
जून में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था और सभी सरकारी विभागों को दिसंबर 2023 तक 10 लाख लोगों को नियुक्त करने के लिए कहा था। उन्होंने अब सभी मंत्रालयों को अपनी कार्य योजना के साथ आने के लिए कहा है।
सरकारी स्कीम पर होगी चर्चा
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने के अंत में सरकारी सेक्टर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों से मिलेंगी। बैठक में निर्मला सीतारमण शेड्यूल कास्ट के कल्याण और उत्थान के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगी। बैठक के दौरान स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PradhanMantri Mudra Yojana), और एससी के लिए ऋण वृद्धि गारंटी योजना और उनकी प्रगति जैसी योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
बैठक में ये दिग्गज होंगे शामिल
सूत्रों ने कहा कि बैठक में सरकारी सेक्टर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रदर्शन की समीक्षा होगी ताकि एससी कम्युनिटी से संबंधित लोगों को लोन प्रदान किया जा सके और अन्य कल्याणकारी उपायों को लागू किया जा सके। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के अध्यक्ष, वित्तीय सेवा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।
2016 में शुरू हुई थी स्टैंड-अप इंडिया स्कीम
स्टैंड-अप इंडिया योजना 2016 में शेड्यूल कास्ट या शेड्यूल ट्राइब और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इसे विनिर्माण और सर्विस सेक्टर में नए उद्यम स्थापित करने के लिए हर बैंक ब्रांच की ओर से कम से कम एक एससी या एसटी और महिला को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये का बैंक लोन देने के लिए शुरू किया गया था।
सभी अनुसूचित कमर्शियल बैंकों के माध्यम से लागू की जा रही इस योजना से कम से कम 2.5 लाख उधारकर्ताओं को लाभ होने की उम्मीद है। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 22 जुलाई 2022 तक देश भर में महिलाओं और एससी या एसटी उद्यमियों को कुल 1,44,223 लोन स्वीकृत किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मेंबर लेंडिंग संस्थानों (MLI) द्वारा मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विस और एग्रीकल्चर में इनकम पैदा करने वाली गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाता है। PMMY की स्थापना के बाद से 1 जुलाई 2022 तक, 19.61 लाख करोड़ रुपये की राशि के 35.88 करोड़ से ज्यादा लोन दिए गए हैं।