- वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों ने कोरोना महामारी के बावजूद अच्छा काम किया।
- बैंकों से पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं लाने के लिए कहा गया।
- सीतारमण ने कहा कि क्या राहुल गांधी मौद्रिकरण के बारे में जानते हैं?
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के वार्षिक प्रदर्शन की समीक्षा पर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने EASE 4.0 या एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस PSB के लिए एक सामान्य सुधार एजेंडा लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और स्मार्ट बैंकिंग को संस्थागत बनाना है। एफएम सीतारमण ने मुंबई में आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रमुखों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हमने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वार्षिक प्रदर्शन की समीक्षा की और विभिन्न COVID-19 संबंधित पैकेजों और आत्मानिर्भर भारत पैकेज की घोषणाओं के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैंने बैंकों से अनुरोध किया है कि वे पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं लाएं। बैंकों को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के लिए एक योजना न लाकर सभी राज्यों के लिए उनकी जरुरतों के मुताबिक योजना लाने के लिए कहा है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने महामारी के बावजूद अच्छा काम किया और इस दौरान वह रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं। वित्त मंत्री ने बैंकों से वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र को समर्थन देने को भी कहा। बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समर्थन में उनकी तरफ से उठाये गये कदमों की समीक्षा की गई।
एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि क्या राहुल गांधी मौद्रिकरण के बारे में जानते हैं। उन्होंने पलटवार करते हुये कहा कि कांग्रेस की सरकार में देश के संसाधनों को बेचने का काम हुआ है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर सवाल उठाए थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से निर्यातकों के निकायों से बातचीत का आग्रह किया गया है। इससे बैंक उनकी जरूरतों के बारे में समझ सकेंगे।
- बैंकों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, जिससे ‘एक जिला, एक निर्यात’ एजेंडा को आगे बढ़ाया जा सके।
- बैंकों से फिनटेक क्षेत्र को मदद देने को कहा गया है।
- पूर्वी भारत के राज्यों में जमा राशि बढ़ रही है, लेकिन ऋण जरूरतों को बढ़ाने की जरूरत है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए लॉजिस्टिक्स और निर्यात पर केंद्रित राज्यवार योजना बनाने को कहा गया है।
- सामूहिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा काम किया है और महामारी के दौरान सेवायें देने के बावजूद वे त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं।
- वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों की पेशन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया।
- वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मृतक कर्मचारी के परिवार को अब कर्मचारी के आखिरी वेतन के 30 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। पहले यह पेंशन राशि 9,284 रुपए थी।
- प्रोत्साहन की रफ्तार को बनाये रखने के लिए बैंक देश के प्रत्येक जिले में ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
- राजस्व सचिव ने कहा कि कंपनियों के लिए विदेशी बाजारों में सीधे सूचीद्धता पर विचार-विमर्श जारी, हमें ऐसे निर्गमों की सफलता सुनिश्चित करने की भी जरूरत
- सीतारमण ने कहा कि क्या वह (राहुल गांधी) मौद्रिकरण को समझते हैं। वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की।
- सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 8,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का मौद्रिकरण किया, 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए अनुरोध प्रस्ताव आमंत्रित किया गया था।
- सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं। सरकार उनकी चिंताओं से अवगत है।
- राजस्व सचिव ने कहा कि हमारा मानना है कि जैसे ही फसलें खेतों से बाहर आयेंगी, महंगाई कम होगी।
- राजस्व सचिव ने कहा कि हमने आपूर्ति बढ़ाने के लिये खाद्य तेलों और दलहन पर शुल्कों में कमी की है। हमारा अनुमान है कि मुद्रास्फीति 4- 6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।
- वित्तीय सेवा विभाग सचिव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निवेशकों का विश्वास हासिल करने के बाद अब खुद अपने संसाधन जुटा रहे हैं, इस प्रक्रिया में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक कोष जुटाया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि 'एक जिला- एक उत्पाद' के निर्यात को बढ़ाने के लिये बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा कि वे निर्यातकों के संगठनों से बातचीत करें और उनकी जरूरतों को समझें। उन्होंने ‘एक जिला, एक उत्पाद निर्यात’ एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा।