- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणी की थी
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस प्रोत्साहन पैकेज के बारे में 5 दिनों तक जानकारी दी
- आखिरी किस्त में सात मुद्दे मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन के बारे में जानकारी दी गई
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (17 मई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की 5वीं और आखिरी किस्त के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ने कहा कि पिछले दो दिनों की घोषणाओं में कई सुधार रहे हैं जिसमें जमीन, मजदूर, लिक्विडिटी और कानून को संबोधित किया गया। वित्त मंत्री ने प्रोत्साहन पैकेज की 5वीं किस्त में सात मुद्दों मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन के बारे में जानकारी दी है। स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च बढ़ेगा, जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश तेज किया जाएगा। सरकार ने वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अधिक अवसर मुहैया कराने को लेकर मनरेगा योजना को बजट के 61 हजार करोड़ रुपये से अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण ने मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल किया और इसलिए नकदी का डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कर पाए। 2,000 रुपए की एक बार नकदी ट्रांसफर 8.19 करोड़ किसानों तक पहुंची है और इसकी कुल लागत 16,394 करोड़ है।
कुल 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणाएं
यहां अब तक की गई सभी घोषणाओं का सारांश है, कुल मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणाएं की गई हैं। पहले भाग में यानी पहली किस्त में 5,94,550 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज की घोषणाएं की गई। भाग-2 में की गई घोषणाओं से कुल 3.1 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन प्रदान किया गया। भाग-3 के तहत खाद्य सूक्ष्म उद्यमों के लिए कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन शामिल है। 4 वें और 5 वें अंश में कुल 48,100 करोड़ रुपये की घोषणाएँ की गईं। प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज की बात करने से भी पहले 1,92,800 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई।
FM Sitharaman Annoucement, 5th Phase
पैकेज में जमीन, मजदूर और नकदी पर जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि आज आर्थिक पैकेज की जानकारी का आखिरी दिन है। उन्होंने कहा कि यह आखिरी किस्त है। उन्होंने कहा कि देश आज आर्थिक संकट से गुजर रहा है। संकट का दौर नए अवसर को खोलता है। पीएम ने कहा था आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है। जमीन, मजदूर, नकदी और कानून पर पैकेज में जोर दिया गया है। हमें आत्म निर्भर भारत बनना है। पीएम ने कहा था जान है तो जहान है।
निवेश के माध्यम से रोजगार बढ़ाने पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य स्तर के सुधारों को बढ़ावा देने के लिए, उधार के एक हिस्से को निवेश के माध्यम से रोजगार बढ़ाने और शहरी विकास, स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने जैसे जरूरी सुधार के कामों से जोड़ा जाएगा। पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज (PSE) नीति-सभी क्षेत्रों को निजी सेक्टर के लिए भी खोल दिया जाएगा। भारत सरकार अब एक नई नीति की घोषणा करेगी जो मोटे तौर पर स्ट्रेटेजिक सेक्टर और अन्य को बांटेगी। स्ट्रेटेजिक सेक्टर जिसमें PSE मौजूद रहेंगी उसकी अधिसूचना दे दी जाएगी। जिन सेक्टर में PSE की अधिसूचना दी जाएगी उनमें कम से कम एक PSE मौजूद होगी लेकिन 4 से ज्यादा नहीं। निजी क्षेत्र को भी इसमें अपनी भूमिका निभाने की अनुमति दी जाएगी। अगर किसी अधिसूचित स्ट्रेटेजिक सेक्टर में 4 से ज्यादा PSE हैं तो उनका आपस में विलय कर दिया जाएगा।
राज्यों की कर्ज की सीमा बढ़ेगी
सीतारमण ने कहा कि राज्यों की कर्ज उठाने की सीमा उनके सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 2020-21 में पांच प्रतिशत किया गया, इससे उन्हें 4.28 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त धन उपलब्ध हो सकेगा। राज्यों की तरह राजस्व में भारी गिरावट का सामना करने के बाद भी केंद्र राज्यों की लगातार मदद कर रहा है।अप्रैल के पहले सप्ताह में SDRF के लिए एडवांस11,092 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया गया। एंटी COVID गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4,113 करोड़ रिलीज किए।
सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण
वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के लिए नई नीति आएगी, रणनीतिक क्षेत्र परिभाषित होंगे जिनमें पीएसयू रहेंगे, अन्य क्षेत्रों के पीएसयू का निजीकरण/विलय होगा। रणनीतिक क्षेत्रों से बाहर के सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जाएगा।
दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिए न्यूनतम चूक सीमा बढ़ी
वित्त मंत्री ने कहा कि दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिए न्यूनतम चूक की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए की गई। इससे एमएसएमई सेक्टर को लाभ होगा। शेयर बाजारों में गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर सूचीबद्ध कराने वाली निजी कंपनियों को सूचीबद्ध कंपनी नहीं माना जाएगा। कंपनियों को स्वीकृत विदेशी बाजारों में प्रतिभूतियां सीधे सूचीबद्ध कराने की मंजूरी होगी। कोरोना वायरस की वजह से कर्ज को 'डिफ़ॉल्ट' की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा।
सभी जिलों के अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लॉक
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी जिलों के अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लॉक होंगे। ग्रामीण इलाकों में लैब नेटवर्क पर्याप्त नहीं है इसलिए सभी ब्लॉक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब तैयार की जाएंगी।
100 विश्वविद्यालय में ऑनलाइन कोर्स की मंजूरी
दिव्यांग बच्चों को भी ऑनलाइन कोर्स की व्यवस्था की गई है। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोदर्पण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। शिक्षा के लिए कम्युनिटी रेडियो की मदद ली जाएगी। 100 विश्वविद्यालय में ऑनलाइन कोर्स की मंजूरी दी गई। तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम ई विद्या प्रोग्राम का डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टीमोड एक्सेस होगा। ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, QR कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम 'वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म' है। प्रत्येक क्लास के लिए एक चिन्हित चैनल भी होगा। 'वन क्लास वन चैनल' के नाम से जिसे हम शुरू कर रहे हैं।
मनरेगा में अतिरिक्त 40 करोड़ रुपए दिए गए
मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपए का बजट बनाया गया है। जिसमें अतिरिक्त 40 करोड़ रुपए दिए गए हैं ताकि घर पहुंचे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके। वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत सारे प्रवासी मजदूर अपने गांव जा रहे हैं इसलिए हमने कुछ प्रावधान किए हैं ताकि अगर वो भी मनरेगा में जुड़ना चाहे तो नामांकन करा सकें। सरकार अब मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 रुपए आवंटित करेगी।
इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड में दोगुनी से ज्यादा रिकवरी
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस तरह सरफेसी और DRT एक्ट में पहले रिकवरी के प्रयास किए जाते थे। इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड में 2016 आने के बाद दोगुनी से ज्यादा रिकवरी हुई है। 221केसों में 44% रिकवरी हुई है, एडमिटेड क्लेम 4 लाख 13 हजार करोड़ हैं और वसूली योग्य रकम 1 लाख 84 हजार करोड़ है।
PPE के 300 से ज्यादा घरेलू निर्माता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज हमारे पास PPE के 300 से ज्यादा घरेलू निर्माता हैं, इस महामारी के आने से पहले हमारे पास PPE का 1 भी निर्माता नहीं था। हम पहले ही 51लाख PPE और 87 लाख N95 मास्क की आपूर्ति कर चुके हैं और 11.08 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की आपूर्ति कर चुके हैं।
नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम
वित्त मंत्री ने कहा कि नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत 2 करोड़ 81 लाख लाभार्थियों को 2,807 करोड़ रुपए अब तक ट्रांसफर कर दिया गया है। इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था। देश के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने 15000 करोड़ की योजना की घोषणा की थी जिसमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है। आवश्क वस्तुओं पर 3750 करोड़ खर्च किया गया। टेस्टिंग लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ खर्च किया गया।
राज्यों को 4113 करोड़ रुपए दिए गए
वित्त मंत्री ने कहा कि हेल्थ सेक्टर में 15 हजार करोड़ रुपए दिए गए। टेस्टिंग किट और लैब के लिए 550 करोड़ रुपए के फंड दिए गए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए राज्यों को 4113 करोड़ रुपए दिए गए। स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख की बीमा योजना बनाई गई है। आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च किया गया।
ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई
ग्रामीण इलाकों में तकनीकी के जरिए पढ़ाई के लिए लाइव क्लास की व्यवस्था की। डीटीएस पर ऑनलाइन क्लास के तीन चैनल चल रहे हैं। 12 और चैनल शुरू किए जाएंगे। ई-पाठशाला के लिए 200 नई पुस्तकों को जोड़ा गया है।
गरीबों की आर्थिक मदद कर रही है सरकार
गरीबों की आर्थिक मदद कर रही है। 8.91 करोड़ किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए भेजे हैं। जनघन के 20 करोड़ लोगों के खाते में पैसे भेजे गए। महिलाओं के खाते में 10 हजार करोड़ रुपए डाले गए। 12 लाख से ज्यादा ईपीएफओ धारकों को लाभ पहुंचाया गया है। कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 50.35 करोड़ रुपए दिए गए। 16 मई तक आठ करोड़ किसानों के खाते में रुपए भेजे गए। हमें प्रवासी मजदूरों को पूरा ख्याल है। मजदूरों के लिए चलाए गए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 85 प्रतिशत पैसे केंद्र सरकार दे रही है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को 6.81 मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर दिए गए।
दालें भी 3 महीने पहले एडवांस में दे दी गईं। मैं FCI, NAFED और राज्यों के ठोस प्रयासों की सराहना करती हूं जिन्होंने लॉजिस्टिक की इतनी बड़ी चुनौती के बाद भी इतनी ज्यादा मात्रा में दालें और अनाज बांटा।
प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त की मुख्य बातें
रक्षा
- रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जायेगी।
- ऐसे हथियारों और प्लेटफॉर्म की सूची जारी की जायेगी, जिनका आयात प्रतिबंधित होगा। इन्हें भारत में ही खरीदा जा सकेगा।
- आयातित कल-पुर्जों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिये रक्षा आयात का बिल कम करने पर ध्यान दिया जायेगा।
- बड़े घरेलू खरीद के लिये अलग बजट प्रावधान किये जाएंगे।
- आयुध निर्माण बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा।
नागर विमानन
- यात्री उड़ानों के लिये भारतीय वायु क्षेत्रों पर लगी पाबंदियों में ढील दी जायेगी, इससे ईंधन और समय की बचत होगी।
- पाबंदियों में ढील से विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा।
- छह और हवाईअड्डों में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिये नीलामी की जायेगी
- 12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा।
- भारत विमानों के रख-रखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार का केंद्र बनेगा, इसके लिये करों को युक्तिसंगत बनाया जा चुका है।
कोयला एवं खनिज
- कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक खनन का अधिकार मिलेगा। सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा।
- क्षेत्र में उतरने के प्रावधान सरल किये जायेंगे, तत्काल नीलामी के लिये करीब 50 ब्लाक पेश किये जायेंगे।
- कोयला के गैसीकरण और द्रवीकरण को राजस्व साझा करने की दर में छूट के जरिये प्रोत्साहित किया जायेगा।
- कोयला क्षेत्र में बुनियादी संरचना विकास के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी।
- कोल इंडिया के खदानों के लिये कोयला बेड मीथेन निकालने के अधिकारों की नीलामी होगी।
- खनिज क्षेत्र में खोज-खनन-उत्पादन एक समग्र अनुमति की व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी।
- बॉक्साइट और कोयला के खदानों की संयुक्त नीलाती होगी।
- खनन के पट्टे देते समय भुगतान किये जाने वाले स्टाम्प शुल्क को तर्गसंगत बनाया जाएगा।
बिजली वितरण
- केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जायेगा।
- बिजली की दर की नीति में सुधार किया जाएगा।
सामाजिक बुनियादी संरचना
- अस्पतालों समेत सामाजिक बुनियादी संरचना के विकास में वीजीएफ में सरकार की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, इससे 8,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
अंतरिक्ष
- उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे।
- निजी कंपनियों को अपनी क्षमता बेहतर बनाने के लिये इसरो की सुविधाओं, अन्य प्रासंगिक संपत्तियों के इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी।
परमाणु ऊर्जा
- कैंसर एवं अन्य बीमारियों के किफायती उपचार के लिये पीपीपी आधार पर अनुसंधान नाभिकीय संयंत्र बनाये जाएंगे।
- कृषि सुधारों को बढ़ाने तथा किसानों की मदद करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण में विकिरण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वाले संयंत्र पीपीपी आधार पर बनाये जाएंगे।