- 2021-22 में तैयार इस्पात का निर्यात 1.83 करोड़ टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
- इस दौरान स्टील की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर थीं।
- इस साल भारत के स्टील निर्यात के साथ इसकी घरेलू कीमतों में भी गिरावट होगी।
नई दिल्ली। हाल ही में सरकार ने स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी (Export Duty) लगाने का फैसला लिया था। इससे पहले भारतीय स्टील के निर्यात पर जीरो ड्यूटी लगाई जाती थी। लेकिन महंगाई को कंट्रोल करने के उद्देशय से 22 मई को वित्त मंत्रालय ने इस पर 15 फीसदी की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया था। पिछले हफ्ते स्टील कंपनियों ने कीमतों को देखते हुए वित्त मंत्री के साथ बैठक की थी ताकि इसे रोल बैक किया जा सके। लेकिन ईटी नाउ स्वदेश को सूत्रों के हवाले से मिली Exclusive जानकारी के अनुसार सरकार स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी नहीं घटाएगी।
अप्रैल के बाद से कम हुई है कीमत
वित्त मंत्रालय स्टील के दाम को एक्सेस करना चाहता है। अप्रैल महीने से स्टील की कीमत में कमी आई है। अप्रैल में एक मीट्रिक टन स्टील की कीमत करीब 77,000 रुपये थी, जो अब 72,000- 73000 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गई है। यानी एक मीट्रिक टन स्टील करीब 5000 रुपये सस्ता हुआ है। सरकार द्वारा स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय स्टील के दाम 15 फीसदी बढ़े।
घरेलू स्टील इंडस्ट्री को झटका: ISSDA
मालूम हो कि इस्पात उद्योग के निकाय ISSDA ने स्टील के प्रोडक्ट्स पर शुल्क लगाने वाले सरकार के कदम को 'बिना सोचे-समझे' उठाया गया कदम बताया है। निकाय का कहना है कि इससे घरेलू स्टील इंडस्ट्री को झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि गत 21 मई को इस्पात इंडस्ट्री में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकल के आयात पर सीमा शुल्क माफ करने की घोषणा भी की गई थी। लौह अयस्क के निर्यात पर लगने वाले शुल्क में 50 फीसदी तक और कुछ अन्य स्टील सामग्रियों पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा की गई थी।