लाइव टीवी

RBI Monetary Policy April 2022: रेपो रेट में 11वीं बार नहीं हुआ बदलाव, जानिए क्या हुए ऐलान

Updated Apr 08, 2022 | 11:12 IST

RBI Monetary Policy Meeting 2022 announcements: इस वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय रिजर्व बैंक की छह मौद्रिक नीति समिति की बैठकें होंगी।

Loading ...
RBI Monetary Policy April 2022: रेपो रेट में 11वीं बार नहीं हुआ बदलाव, जानिए क्या हुए ऐलान
मुख्य बातें
  • इस वित्त वर्ष की पहली बैठक 6 अप्रैल 2022 को शुरू हुई थी।
  • केंद्रीय बैंक के सामने कई चुनौतियां हैं।
  • मौद्रिक नीति समिति (MPC) गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई।

RBI Monetary Policy April 2022 Announcement: आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) द्विमासिक मौद्रिक नीति (RBI MPC) के फैसलों की घोषणा की। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आरबीआई के सामने कई चुनौतियां हैं। लगातार 11वीं बार भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया।

एक बार फिर रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखी। रेपो रेट (Repo Rate) 4 फीसदी पर स्थिर है। जिस रेट पर केंद्रीय बैंक अन्य बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट बढ़ने से ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ता है।

रिवर्स रेपो रेट भी पहले की तरह स्थिर
केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) में भी कोई बदलाव नहीं किया। यह 3.35 फीसदी पर बरकरार है। इसके साथ ही मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट भी 4.25 फीसदी पर स्थिर है। रिवर्स रेपो रेट के तहत बैंकों को अपना पैसा आरबीआई को देने पर ब्याज मिलता है।

दिग्गजों से आसान भाषा में समझें पॉलिसी की तमाम बारीकियां। आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी की सबसे बड़ी कवरेज LIVE:

वृद्धि दर पर केंद्रीय बैंक का क्या है अनुमान?
RBI ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान को कम कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में यह 7.2 फीसदी रह सकती है। पहली तिमाही में यह 16.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी रह सकती, तीसरी तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 4 फीसदी रह सकती है। केंद्रीय बैंक ने यह मानते हुए वृद्धि दर पर अनुमान जताया कि क्रूड ऑयल की कीमत (Crude Oil Price) 100 डॉलर प्रति बैरल पर रहेगी।

अर्थव्यवस्था के 'बचाव' के लिए तैयार आरबीआई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था नई और बहुत बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है। रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था के 'बचाव' के लिए पूरी तरह से तैयार है। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था बड़े विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से संतोषजनक स्थिति में है।

महंगाई पर केंद्रीय बैंक का अनुमान
चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 फीसदी पर पहुंच सकती है। इससे पहले इसके 4.5 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान था। अप्रैल से जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया। दूसरी तिमाही में यह 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी रह सकती है। रबी फसलों की अच्छी पैदावार से ग्रामीण इलाकों में मांग को समर्थन मिल सकता है।

रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव किया था। आइए जानते हैं पॉलिसी दरों में कब-कब बदलाव हुआ-

महंगाई बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं
आरबीआई का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी की वजह से पैदा हुई सुस्ती से धीरे-धीरे उबर रही है। वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। इसकी वजह से महंगाई बढ़ सकती है। आने वाले समय में खाद्य तेलों (Edible Oil) की कीमतें ऊंचे स्तर पर रहेंगी। गवर्नर दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) आर्थिक पुनरुद्धार को धीमा कर सकता है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा।

बिना डेबिट कार्ड के एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा
शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि यूपीआई (UPI) का उपयोग करके कार्डलेस कैश निकासी (Cardless Cash Withdrawal) को बढ़ा दिया गया है। अब इसे सभी बैंकों में उपलब्ध कराया जाएगा। यानी अब यूपीआई के जरिए ही बैंक शाखा और एटीएम से पैसे निकाले जा सकेंगे। मौजूदा समय में यह सुविधा कुछ ही बैंको में उपलब्ध थी। इससे धोखाधड़ी कम होगी। कार्ड क्लोनिंग के जरिए फ्रॉड के मामले कम होंगे।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।