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टैक्स बचाने के लिए आखिरी समय में निवेश कर रहे हैं? इन 5 गलतियों से बचें

Updated Mar 18, 2021 | 14:10 IST

हम में से अनेक लोग बिना सोचे विचारे बीमा और निवेश प्रोडक्ट्स जैसे परम्परागत बीमा प्लान और एंडाउमेंट पॉलिसीज में अंतिम समय में टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
निवेश से पहले इन पर ध्यान दें

वित्तीय वर्ष 2020-21 समाप्त होने में बस कुछ ही समय बाकी है। अनेक ऐसे लोग जिन्होंने अपने टैक्स बचत लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है, वे अब तेजी से विभिन्न निवेश विकल्पों का पता लगाने की कोशिश में लगे हैं ताकि वे टैक्स डिडक्शन के अपने लाभों को प्राप्त कर सकें। आदर्श रूप से टैक्स की बचत एक वर्ष लंबी प्रक्रिया है, न कि अंतिम क्षणों में किया जाने वाला काम ताकि आप कुछ गलतियों को करने से बच सकें, जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। यहां उन गलतियों के बारे में बताया गया है जिनसे आपको अंतिम समय में किए जाने वाले निवेश के दौरान बचना चाहिए।

बिना सोच विचार बीमा और निवेश प्रोडक्ट्स में निवेश करना

हम में से अनेक लोग बिना सोचे विचारे बीमा और निवेश प्रोडक्ट्स जैसे परम्परागत बीमा प्लान और एंडाउमेंट पॉलिसीज में अंतिम समय में टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं। हालांकि इन प्लान से प्योर निवेश इंस्ट्रुमेंट्स जैसे ईएलएसएस, पीपीएफ आदि की तुलना में रिटर्न कम मिलता है और उनका लाइफ कवर भी, प्लेन वनिला टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से कम होता है जिसके साथ आमतौर पर कम प्रीमियम भी जुड़ा रहता है। इसके अलावा, परम्परागत बीमा पॉलिसियों के लिए लॉन्ग टर्म निवेश कमिटमेंट की जरुरत होती है और अगर आप उनको शुरुआती वर्षों के दौरान सरंडर करना चाहते हैं, तो आपको बहुत अधिक हानि भी उठानी पड़ सकती है। इसलिए, यह समझदारी वाली बात है कि आप अपने निवेश और बीमा लक्ष्यों को अलग-अलग रखें, यहां तक कि जब आप अंतिम क्षणों में टैक्स बचत कदम उठा रहे हों। आप ईएलएसएस, वीपीएफ या अन्य छोटी बचत योजनाओं को निवेश के लिए चुन सकते हैं जो आपकी रिटर्न की उम्मीदों, लिक्विडिटी जरुरतों और जोखिम सहन करने के अनुसार हैं या आप टर्म प्लान या स्वास्थ्य बीमा प्लान को अपनी बीमा जरुरतों के लिए चुन सकते हैं।

टैक्स बचत के लिए निवेश करते समय वित्तीय लक्ष्यों को नजरअंदाज करना

टैक्स बचत स्कीम में निवेश करते वक्त आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा न हो की आपके निवेश के विकल्प आपकी सिर्फ टैक्स बचाने में मदद करे लेकिन आपकी सहायता वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में न करें। आपको एक ऐसा उचित टैक्स बचात प्रोडक्ट को चुनना होगा जो आपको लंबे समय में अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक हो। अपने शॉर्ट टर्म फाइनेंसियल गोल्स के लिए टैक्स बचत निवेश का चुनाव ना करें क्योंकि टैक्स बचत निवेश के साथ लॉक-इन जुड़ी होती है, जो तीन वर्ष से लेकर 15 वर्ष की रेंज में हो सकती है, और आमतौर पर आप उन्हें लॉक-इन अवधि के पूरा हो जाने तक लिक्विडेट नहीं कर सकते हैं।

जरूरत से ज्यादा निवेश करना

आपकी विभिन्न स्रोतों जैसे वेतन, कारोबार, पूंजीगत लाभ, निवेश आदि से आय हो सकती है। अपनी पूरी आय पर विचार करके, चालू वित्तीय वर्ष की अपनी कुल अनुमानित आय का अंदाजा लगाएं और इसी के अनुसार ही इस बात का अनुमान लगाएं कि आपको चालू वित्तीय वर्ष में टैक्स की बचत के लिए कितने निवेश की जरुरत है। टैक्स बचत करने के लिए आप पहले ही जो निवेश कर चुके हैं, उसको एडजस्ट करें ताकि सही राशि का पता लगाया जा सके जो आपको टैक्स बचत के लिए खर्च करनी है। जरुरत से ज्यादा निवेश करने से आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की यात्रा मे रूकावट पैदा हो सकती है, और अपनी महत्वपूर्ण बचतों को बिना जरूरत निवेश करना, किसी आपातस्थिति में आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

अपने टैक्स बचत निवेश को डाइवर्सिफाई न करना

जब आप निवेश करते हैं, तो डाइवर्सिफिकेशन से आपको जोखिम को कम करने में काफी हद तक सहायता मिल सकती है, फिर चाहे यह टैक्स बचत निवेश हो या नियमित निवेश प्रोडक्ट। अंतिम क्षणों में जल्दबाजी से, अकसर लोग अपने पूरी फंड को एक ही एस्सेट क्लास में निवेश कर देते हैं। इसलिए, टैक्स बचत इंस्ट्रुमेंट में निवेश करते समय, आपको विभिन्न एस्सेट क्लासेज और एक ही एस्सेट क्लास में भिन्न भिन्न स्कीमों के बीच में आदर्श रूप से अपने फंड का डाईवर्सिफिकेशन करना चाहिए। उदाहरण के लिए, अपने सारे पैसे को ईएलएसएस (जिसमें मध्यम से उच्च जोखिम जुड़ा रहता है) में निवेश करने की बजाए, आप ईएलएसएस के साथ-साथ एनपीएस, टैक्स बचत एफडी, पीपीएफ, गोल्ड आदि में निवेश करके डाइवर्सिफिकेशन कर सकते हैं ताकि लंबे समय में कुल निवेश जोखिम को कम से कम किया जा सके और मनचाहे रिटर्न भी मिल सके।

उधार लेकर टैक्स बचत के लिए निवेश करना

टैक्स की बचत एक महत्वपूर्ण वित्तीय कदम होता है, लेकिन ऐसा करते समय आपको अपनी वित्तीय क्षमता को किसी भी स्थिति मे लांघना नहीं चाहिए। जितना आप अफोर्ड कर सकते हैं, उससे अधिक खर्च करने से, अनावश्यक रूप से कर्जा हो सकता है और आपके फाइनेसिस प्रभावित हो सकते हैं। अधिकांश लोग अभी भी कोविड-19 से संबंधित वित्तीय तनाव से रिकवर कर रहे हैं, और उनकी उच्च लिक्विडिटी जरुरतें अभी भी बनी हुई हैं। इसलिए, टैक्सपेयर्स को इस समय टैक्स बचत और अपनी लिक्विडिटी जरुरतों के बीच में संतुलन बनाने की जरुरत है। कुछ टैक्सपेयर्स अपने टैक्स बचत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पैसा उधार भी ले लेते हैं; लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। आपको कर बचत योजना में निवेश करने के लिए केवल तभी उधार लेना चाहिए जब आपके द्वारा बहुत ही कम समय के लिए लिक्विडिटी समस्या का सामना किया जा रहा हो जैसे वेतन में कुछ दिनों की देरी हो रही है या आपको लगता है कि अगले 10-15 दिनों में पेमेंट क्रेडिट हो जाएगी। 

पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से कैश उधार लेने का काम टैक्स बचत योजनाओं में निवेश करने के लिए नहीं करना चाहिए। यदि आपके लिए ऐसा करना ज़रूरी ही है, तो आपको अपने मित्रों और रिश्तेदारों से पैसा उधार लेने की कोशिश करनी चाहिए और एफडी या किसी अन्य उपयुक्त निवेश के बदले में ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। यदि आपका कोई निवेश मैच्योर हो गया है, तो आप उस राशि का इस्तेमाल भी टैक्स बचत स्कीम की फंडिंग के लिए कर सकते हैं। लेकिन, आपका सबसे पहला लक्ष्य अपनी बचत से ही टैक्स बचत के लिए निवेश करने का होना चाहिए और महत्वपूर्ण वित्तीय ऑब्लिगेशन को प्रभावित नहीं करना चाहिए।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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