- इस योजना के तहत खोले गए खाते बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट खाते हैं जिनमें रुपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है।
- रुपे डेबिट कार्ड का उपयोग सभी एटीएम में नकद निकासी के लिए किया जा सकता है।
- PMJDY ग्राहकों को दुर्घटना बीमा भी प्रदान करता है।
Jan Dhan Yojana: भारत सरकार द्वारा अगस्त 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana, PMJDY) का उद्देश्य देश के लोगों को बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना है। इसका मकसद सभी सेक्टर के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना है। मुख्य उद्देश्य विभिन्न वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है जिसमें इंश्योरेंस और पेंशन पॉलिसी, बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट की उपलब्धता, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के साथ-साथ निम्न-आय वर्ग के लिए रेमिटेंस सुविधा शामिल है।
44.23 करोड़ पर पहुंच गई है खातों की संख्या
जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में जमा राशि का आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खातों की संख्या 44.23 करोड़ पर पहुंच चुकी है।
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वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने वाली इस योजना ने पिछले साल अगस्त में क्रियान्वयन के सात साल पूरे किए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 2014 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में जनधन योजना शुरू करने की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कुल 44.23 करोड़ जन धन खातों में से 34.9 करोड़ खाते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और 8.05 करोड़ खाते क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में हैं। शेष 1.28 करोड़ खाते निजी क्षेत्र के बैंकों में खोले गए हैं।
रुपे कार्ड का बढ़ा इस्तेमाल
इसके अलावा पीएमजेडीवाई के 31.28 करोड़ लाभार्थियों को रुपे कार्ड (RuPay Card) जारी किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि समय के साथ रुपे कार्ड की संख्या और इसका इस्तेमाल बढ़ा है। इस योजना के पहले साल में 17.90 करोड़ खाते खोले गए थे। किसी खाताधारक द्वारा किए गए लेनदेन के आधार पर जन धन खातों में शेष या बैलेंस रोजाना के आधार पर बदल सकता है। किसी दिन खाते में 'बैलेंस' शून्य पर भी आ सकता है।
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24.61 करोड़ है महिला जन धन खाताधारकों की संख्या
सरकार ने पिछले महीने संसद को सूचित किया था कि आठ दिसंबर, 2021 तक जन धन खातों में शून्य शेष या बैलेंस वाले खातों की संख्या 3.65 करोड़ थी। यह कुल जन धन खातों का 8.3 प्रतिशत बैठता है। आंकड़ों के अनुसार, 29.54 करोड़ जन धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी बैंक शाखाओं में हैं। 29 दिसंबर, 2021 तक कुल जन धन खाताधारकों में से 24.61 करोड़ महिलाएं थीं।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)