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Car Insurance Policy : कार इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते समय ध्यान में रखें ये 5 बातें

Updated Dec 03, 2020 | 14:01 IST

कार इंश्योरेंस पॉलिसियां दो तरह की होती हैं थर्ड-पार्टी लायबिलिटी पॉलिसी और कम्प्रिहेंसिव कवरेज पॉलिसी। इसलिए इसे लेते समय यहां बताए गए 5 बातों का ध्यान रखें।

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कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें

अगर आपके पास अपनी कार है तो आपको पता ही होगा कि उसके लिए कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेना जरूरी है। लेकिन, कई लोग, जरूरी होने पर ही कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं जिससे वे सिर्फ प्रीमियम की लागत को ध्यान में रखकर ऐसी पॉलिसी ले बैठते हैं जो उनकी कार को पर्याप्त कवरेज नहीं दे पाता है। लेकिन, सही कार इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है। लेकिन कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इससे कार इंश्योरेंस पॉलिसी का भरपूर लाभ उठाने और अपनी कार को पर्याप्त रूप से सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।

विभिन्न प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी को पहचानें

वाहन इंश्योरेंस पॉलिसियां दो तरह की होती हैं – थर्ड-पार्टी लायबिलिटी पॉलिसी और कम्प्रिहेंसिव कवरेज पॉलिसी। अपनी गाड़ी को पब्लिक रोड पर चलाने के लिए थर्ड-पार्टी लायबिलिटी पॉलिसी लेना जरूरी है। इंडियन रोड सेफ्टी एक्ट और इंडियन मोटर व्हीकल्स एक्ट के अनुसार किसी गाड़ी को रोड पर चलाने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेना जरूरी होता है। लेकिन, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह सिर्फ थर्ड-पार्टी को होने वाले नुकसान को कवर करता है। यह गाड़ी या उसके मालिक को होने वाले नुकसान को कवर नहीं करता है। दूसरी तरफ, एक कम्प्रिहेंसिव कवरेज पॉलिसी, तरह-तरह के कवरेज देता है, जैसे थर्ड-पार्टी नुकसान, खुद का नुकसान, गाड़ी का नुकसान, एक्सीडेंटल बेनिफिट, इत्यादि।

तुलना करें और खरीदें

अपनी जरूरत के अनुसार सही प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करने के बाद, मार्केट में मौजूद ऑफर्स की तुलना करें। अनगिनत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप विभिन्न पॉलिसियों के फीचर्स, बेनिफिट्स, और प्रीमियम कॉस्ट्स की तुलना कर सकते हैं। ऑफर्स की तुलना करने पर आपको अपनी गाड़ी के लिए सही इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने में मदद मिलेगी। आम तौर पर, गाड़ी खरीदते समय ऑटोमोबाइल डीलरशिप द्वारा थर्ड-पार्टी लायबिलिटी पॉलिसी दी जाती है जिसका प्रीमियम, गाड़ी की कीमत में शामिल रहता है। आप उसी समय थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देकर उसके बदले एक कम्प्रिहेंसिव कवर ले सकते हैं।

पर्सनल एक्सीडेंट कवर और एडिशनल कवर्स पर गौर करें

कम्प्रिहेंसिव कवर लेने के बाद भी, आप अपनी पॉलिसी के साथ कुछ एडिशनल कवर्स जोड़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक पर्सनल एक्सीडेंट कवर, आपको किसी अप्रत्याशित दुर्घटना के कारण होने वाली किसी तरह की विकलांगता या शारीरिक नुकसान के लिए पर्याप्त सुरक्षा पाने में मदद करता है। इसके अलावा, आप अपनी ड्राइविंग स्टाइल से जुड़े रिस्क फैक्टर्स का मूल्यांकन करते हुए बेहतर सुरक्षा के लिए कुछ ऐड-ऑन कवर्स भी ले सकते हैं।

IDV और NCB शब्दों की तलाश करें

IDV का मतलब है, इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू। आपकी कार इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम कॉस्ट, सीधे तौर पर आपकी कार के IDV से जुड़ा होता है। IDV, आपके द्वारा अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी में किया जा सकने वाला मैक्सिमम क्लेम अमाउंट है। हर गुजरते साल के साथ IDV घटता जाता है। इसलिए हमेशा सबसे ज्यादा संभावित IDV चुनने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे प्रीमियम कॉस्ट काफी बढ़ सकता है। बल्कि, ऑफरों की तुलना करने के बाद एक ऐसी पॉलिसी चुननी चाहिए जो एक उचित प्रीमियम कॉस्ट के साथ एक उचित IDV भी दे सकती हो। दूसरी तरफ, NCB का मतलब है, नो क्लेम बोनस। यह, पॉलिसी रिन्यू करते समय इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा प्रीमियम पर दिया जाने वाला एडिशनल डिस्काउंट है जो पिछले पॉलिसी पीरियड के दौरान कोई क्लेम न करने पर ही मिलता है।

जान लें कि किस कारण से आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी अमान्य बन सकती है

कई लोग चाहते हैं कि उनकी कार सबसे अलग दिखे जिसके लिए वे अपनी कार में ढेर सारे बदलाव कर देते हैं। कुछ लोग अपनी कार में सिर्फ सुन्दरता सम्बन्धी बदलाव करते हैं जिससे इंश्योरेंस कवरेज पर आम तौर पर कोई असर नहीं पड़ता है। कुछ लोग, अपनी कार के परफॉरमेंस किट में भरपूर बदलाव कर देते हैं जिसे एक स्टैण्डर्ड इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर नहीं भी किया जा सकता है। इसलिए, आपको अपनी कार में इस तरह का बदलाव करने से पहले अपनी इंश्योरेंस कंपनी से बात कर लेनी चाहिए। कुल मिलाकर, एक ऐसी कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए जो आपकी जरूरतों को अच्छी तरह पूरी करती हो। इसलिए हमेशा विभिन्न कार इंश्योरेंस पॉलिसियों की तुलना करके अपनी जरूरत के अनुसार सही पॉलिसी खरीदनी चाहिए।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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