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Lemon Price in India:नींबू की कीमत से सभी हुए बेहाल, क्या मौसम की पड़ी मार

Updated Apr 15, 2022 | 09:11 IST

भारत में इस समय पेट्रोल और डीजल की कीमतों के साथ साथ नींबू की कीमत से परेशान हैं। 10 रुपए में पहले कभी तीन से चार नींबू मिलते थे। लेकिन नींबू अपना रंग दिखा रहा है। इस समय 10 से 15 रुपए में एक नींबू मिल रहा है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है जिसे हम समझने की कोशिश कर रहे हैं।

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Lemon Price in India:नींबू की कीमत से सभी हुए बेहाल, क्या मौसम की पड़ी मार
मुख्य बातें
  • खुदरा बाजार में 10 से 15 रुपए में एक नींबू
  • मौसम की मार से नींबू के उत्पादन पर असर
  • थोक भाव में नींबू की कीमत 300 से 350 रुपए प्रति किलो

सामान्य तौर पर नींबू का इस्तेमाल बारहमासी होता है। लेकिन गर्मी मे इसकी खपत बढ़ जाती है। अगर बात इस सीजन की करें तो सब्जी मंडियों में या खुदरा बाजार में नींबू उपलब्ध तो है लेकिन लोग खरीदने से बच रहे हैं। अब सवाल यह है कि आखिर उसके पीछे वजह क्या है तो जनाब वजह साफ है, जिस नींबू को ग्राहक 10 रुपए में तीन पीस या चार पीस खरीदते थे वही नींबू 10 या 15 रुपए में सिर्फ एक मिल रहा है। थोक भाव में नींबू की कीमत 300 से 350 रुपए प्रति किलो। अब दूसरा सवाल यह है कि आखिर नींबू की बढ़ी कीमतों के पीछे वजह क्या है। इसे समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि भारत में कितने लाख हेक्टेअर में इसकी खेती होती है। 

नींबू उत्पादन से जुड़े कुछ तथ्य

  1. भारत में करीब 3.16 लाख हेक्टेअर में नींबू की खेती होती है।
  2. नींबू के पौधों में तीन बार फूल आते हैं, जितनी बार फूल आते हैं उतनी ही बार उसे नींबू निकलते हैं
  3. देश में आंध्र प्रदेश नींबू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य
  4. गुजरात ओडिशा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में बडे़ पैमाने पर खेती होती है। 
  5. भारत में नींबू की दो श्रेणियां होती हैं जिसे लेमन और लाइम के नाम से जानते हैं।
  6. छोटी और पतले छिलके वाला नींबू लेमन श्रेणी में आता है
  7. गहरे हरे रंग के नींबू को लाइम श्रेणी में रखते हैं। 

नींबू की रिटेल कीमत

राज्य एक नींबू कीमत
दिल्ली 8 से 10 रुपए
गोरखपुर 10 रुपए
लखनऊ 10-15 रुपए
मुंबई 10 से 15 रुपए
आजमगढ़ 10 रुपए

क्या मौसम की पड़ी मार
अब सवाल यह है कि देश में जब इतने बड़े स्तर पर नींबू की खेती होती है उत्पादन भी अच्छा होता है तो कीमत क्यों बढ़ी। कृषि मामलों के जानकारों का कहना है कि इसका जवाब पिछले साल अगस्त- सितंबर के महीने में बारिश और इस वर्ष फरवरी के अंत से असामान्य गर्मी नींबू के उत्पादन में कमी के लिए जिम्मेदार है। अगस्त सितंबर महीने में नींबू का जो उत्पादन होता है उसे किसान कोल्ट स्टोरेज में रखते हैं और उसकी वजह से कीमतें नियंत्रण में रहती थीं। लेकिन बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो गई। दूसरी बात यह है कि फरवरी फसल गर्मी की वजह से बर्बाद हो गई। ऐसी सूरत में कीमतों का बढ़ना स्वाभाविक है। 

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