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ग्रामीण बाजारों में बढ़ी कार की मांग, क्‍या रूरल इंडिया करेगा अर्थव्यवस्‍था का कायाकल्प?

Updated Jul 05, 2020 | 19:59 IST

Corona Economic Impact India: कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण जहां देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर गहरा असर पड़ा है, वहीं शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी अर्थव्‍यवस्‍था बेहतर स्थिति में है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
ग्रामीण बाजारों में बढ़ी कार की मांग, क्‍या रूरल इंडिया करेगा अर्थव्यवस्‍था का कायाकल्प?
मुख्य बातें
  • देश में कोरोना के गहराते संकट के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बेहतर स्थिति है
  • मारुति सुजुकी का कहना है जून में ग्रामीण बाजारों में मांग और बिक्री बढ़ी है
  • उम्‍मीद जताई जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों से देश की अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ा संबल मिलेगा

नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ा झटका लगा है, जिसका असर खासकर शहरों में अधिक देखा जा रहा है। शहरों में जहां संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी इसकी रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार से भारतीय अर्थव्‍यस्‍था को बड़ा संबल मिल सकता है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया का कहना है कि संकट के इस दौर में ग्रामीण इलाकों में उसकी मांग शहरी क्षेत्रों के मुकाबले अधिक है।

मारुति की बिक्री बढ़ी

मारुति सुजुकी के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग ऐंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव के मुताबिक, जून में मानसून अच्‍छा रहा है और कई इलाकों में अच्‍छी बारिश हुई है, जो खरीफ फसलों के लिहाज से बेहतर है। इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में मांग शहरी के मुकाबले बेहतर है। जून माह में ग्रामीण बाजार में मारुति की बिक्री बढ़ी है, जिसकी वजह से मारुति की बिक्री में ग्रामीण बाजार की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। यह बीते वित्‍त वर्ष में इसी अवधि के मुकाबले लगभग एक प्रतिशत अधिक है।

ग्रामीण बाजारों में मांग बेहतर

यूं तो बीते साल के मुकाबले ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में बिक्री घटी है, लेकिन ग्रामीण बाजार में बिक्री अपेक्षाकृत बेहतर है। इस साल जून में मारुति सुजुकी की घरेलू बिक्री में 53.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह जून 2019 में घरेलू बाजार में 1,14,861 वाहनों की बिक्री से घटकर 53,139 यूनिट रह गया।

अच्‍छे मानसून से बेहतर अर्थव्यवस्‍था की उम्‍मीद

अर्थशास्त्रियों और कॉर्पोरेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था को ग्रामीण इलाकों से बड़ा संबल मिल सकता है, जहां अब भी अर्थव्‍यवस्‍था बेहतर स्थिति में है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून बेहतर रहने के अनुमान जताए हैं। देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में जून में सामान्य से 15 फीसदी अधिक बारिश हुई, जो साल 2013 के बाद सबसे अधिक बारिश है।
 

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