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वन नेशन, वन राशन कार्ड, सस्ता किराया मकान योजना के काम पर संसदीय समिति संतुष्ट नहीं, रिपोर्ट अगले महीने

Updated Aug 18, 2020 | 14:44 IST

संसद की स्थायी समिति प्रवासी मजदूरों और असंगठित सेक्टर में काम करने वालों के लिए किराए पर मकान देने की योजना और वन नेशन वन राशन कार्ड पर रिपोर्ट अगले महीने देगी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
वन नेशन, वन राशन कार्ड, सस्ता किराया मकान योजना पर संसदीय समिति रिपोर्ट पेश करेगी

नई दिल्ली : मोदी सरकार की वन नेशन, वन राशन कार्ड (One Nation, One Ration Card) योजना और प्रवासी मजदूरों और असंगठित सेक्टर में काम करने वालों के किराए पर मकान देने की योजना (Cheap Rent House Scheme) पर संसद की स्थायी समिति ने रिपोर्ट तैयार की है हालांकि अभी जारी नहीं किया गया है। अंतिम रिपोर्ट अगले महीने के पहले सप्ताह में दी जा सकती है। लेकिन इससे पहले सोमवार समिति ने कहा कि वह योजनाओं के काम में हुई प्रगति से बहुत संतुष्ट नहीं है। श्रम मामलों की संसद की समिति के एक सदस्य ने कहा कि दो योजनाएं वन नेशन, वन राशन कार्ड और सस्ता किराया मकान परिसर (ARHC) में उम्मीद के अनुरूप तेजी नहीं है। हम इस बारे में अपनी सिफारिशें और टिप्पणियां तैयार कर रहे हैं। 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, खाद्यान्न और जन वितरण विभाग तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को समिति को अंतर-राज्यीय प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों के बारे में जानकारी दी।

ARHC के तहत सरकार ने दो मॉडल पेश किए हैं। पहला, केंद्र और राज्यों द्वारा (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में) निर्मित खाली पड़े मकानों को किराए पर देना और दूसरा, प्रवासी मजदूरों और असंगठित सेक्टर में काम करने वालों को किराए पर देने के लिए प्राइवेट और सरकारी सेक्टर को खाली पड़े जमीन पर मकान बनाने के लिए प्रोत्साहित करना। 

 समिति के सदस्य ने कहा कि ARHC योजना के तहत दोनों मॉडल पर अभी कोई खासा प्रगति नहीं हुई है। पंजाब एकमात्र राज्य है जिसने इस संदर्भ में ज्ञापन लाया है।

प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की पहल के बारे में सदस्य ने कहा कि इस साल जुलाई में एक देश, एक राशन कार्ड के तहत करीब 2,000 राशन कार्डधारकों ने लाभ उठाया है। देश में 81 करोड़ राशन कार्डधारक हैं।

सदस्य के अनुसार कई तकनीकी मुद्दे हैं जो एक देश, एक राशन कार्ड योजना को प्रभावित कर रहे हैं और समिति अगले महीने पेश की जाने वाली रिपोर्ट में इस संदर्भ में अपनी सिफारिशें देगी।

सदस्य के अनुसार अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि एक देश, एक राशन कार्ड के अंतर्गत अबतक 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए हैं। छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल इसके दायरे से अभी बाहर हैं।
 

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