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Petrol-Diesel Rate Today, 4 April 2022: पेट्रोल-डीजल के दाम में 40 पैसे की बढ़ोतरी ! 14 दिन में 8.40 रुपये/ लीटर हुआ महंगा

Updated Apr 04, 2022 | 07:05 IST

Petrol and Diesel Price Today (आज का डीजल-पेट्रोल का रेट), 4April 2022: देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर लगाम नहीं लग रही है। आज एक बार फिर कीमतें बढ़ गई हैं। पिछले 14 दिनों में 12 वीं बार फिर दाम बढ़े हैं।

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Petrol, diesel prices hiked again today on 3 April 2022
मुख्य बातें
  • पेट्रोल और डीजल के दाम में आज 40 पैसे का इजाफा
  • लगातार बढ़ रही कीमतों से लोगों की जेब पर असर
  • कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ने का खतरा

Petrol-Diesel Rate Today, 3 April 2022: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज फिर बढ़ोतरी हुई है। ऑयल मार्केंटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 40 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। सोमवार की बढ़ोतरी के बाद पिछले 14 दिनों में कीमतों में कुल 8.40  रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत अब क्रमश: 103.81 रुपये प्रति लीटर और 95.07 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।  

जानिए शहरवार आज के रेट

शहर पेट्रोल (रुपये/लीटर) डीजल पेट्रोल (रुपये/लीटर)
नोएडा 103.87 95.42
मुंबई 118.83 103.07
कोलकाता 113.45 98.22
चेन्नई 109.34 99.42

होली के  बाद लगातार बढ़ रहे हैं रेट

10 मार्च को पांच राज्यों के  नतीजे आने के बाद, जैसा अंदेशा जताया जा रहा था पेट्रोल-डीजलों की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू होगा। कुछ उसी तरह से कीमतों में बढ़ोतरी दिख रही है। शुरूआत में होली को देखते हुए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की, लेकिन 22 मार्च से कीमतों में जो बढ़ोतरी की शुरूआत हुई , वह अब तक थमी नहीं है। कंपनियां पिछले 14 दिनों में 8.40 रुपये प्रति लीटर तक कीमतें बढ़ा चुकी है। इन 14 दिनों में 12 बार कीमतों में बढ़ोतरी हुई। जिस तरह से कीमतें लगातार बढ़ रहीं हैं। उसकी खाने-पीने की चीजों से लेकर दूसरी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में इजाफा होना तय है और महंगाई की मार पड़ेगी।

नवंबर में सरकार ने घटाई थी एक्सजाइज ड्यूटी

केंद्र सरकार ने इसके पहले, बढ़ती कीमतों को देखते हुए नवंबर 2021 में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी, इसके अलावा राज्यों ने भी अपने स्तर पर कटौती की थी।  जिसके बाद से इनके दाम स्थिर थे। हालांकि , रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने स्थिति बदल दी और कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। और भारत अपनी जरूरतों का करीब 84 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। जिसका असर कीमतों में दिख रहा है। लगातार बढ़ती कीमतों से एक बार फिर यही सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र और राज्य सरकारें आम जनता को राहत देने के लिए फिर से एक्साइज में कटौती करेंगी।

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