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Railway Hawkers: रेलवे फिर होगा 'फेरीवालों' से गुलज़ार, यात्री उठा सकेंगे 'क्षेत्रीय व्यंजनों' का लुत्फ

Updated Aug 17, 2022 | 23:24 IST

रेलवे ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के तहत फेरीवालों को ट्रेनों में अपना सामान बेचने की अनुमति देने का फैसला किया है। इस साल केंद्रीय बजट में घोषित 'एक स्टेशन एक उत्पाद' नीति के तहत रेलवे का लक्ष्य प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर एक स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देना है।

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भारतीय रेलवे अब फेरीवालों को ट्रेन में अपना माल बेचने की अनुमति देगा

नयी दिल्ली: रेल यात्रा के दौरान फेरीवालों से स्थानीय सामान खरीदने और क्षेत्रीय व्यंजनों का लुत्फ उठाने की पुरानी यादों को ताजा करते हुए स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देने के अपने प्रयास के तहत भारतीय रेलवे अब फेरीवालों को ट्रेन में अपना माल बेचने की अनुमति देगा।रेलवे उन्हें स्टेशन और ट्रेन में अपना माल बेचने के लिए सजावटी गाड़ियां और गुमटियां भी उपलब्ध कराएगा। इस साल केंद्रीय बजट में घोषित 'एक स्टेशन एक उत्पाद' नीति के तहत रेलवे का लक्ष्य प्रत्येक स्टेशन पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है।

पहले फेरीवाले रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेन में सवार होकर स्थानीय उत्पाद बेचते थे, जिनमें ज्यादातर खाने-पीने का सामान होता था। हालांकि, वे पंजीकृत नहीं थे और सुरक्षा और स्वच्छता दोनों चिंताएं जुड़ी हुई थीं। रेलवे ने उन्हें हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान भी चलाया जिससे उनका ट्रेन में चढ़ना और यहां तक कि स्टेशन पर भी घूमना मुश्किल हो गया था।

खाद्य उत्पादों से लेकर हस्तशिल्प और घरेलू सामान से लेकर सजावटी सामान

हालांकि, अब पेश की जाने वाली चीज़ों में खाद्य उत्पादों से लेकर हस्तशिल्प और घरेलू सामान से लेकर सजावटी सामान तक होंगे और उन्हें रेलवे की अनुमति से बेचा जाएगा।वर्तमान में, केवल आईआरसीटीसी-अनुमोदित विक्रेताओं को ही स्टेशन और ट्रेन में सामान बेचने की अनुमति है। स्टेशन पर स्थानीय सामान बेचने वाले फेरीवालों को अब ट्रेन में चढ़ने और यात्रियों को अपना सामान देने के लिए अगले स्टेशन तक यात्रा करने की भी अनुमति होगी।

रेलवे ने अहमदाबाद के राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान से करार किया है

बात सिर्फ यहीं समाप्त नहीं होती। फेरीवालों की गाड़ियों की वजह से प्लेटफॉर्म पर भीड़ न हो, इसके लिए रेलवे ने अहमदाबाद के राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान से करार किया है। संस्थान ने ऐसे कियोक्स डिजाइन किए हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद रखने के लिए अलग-अलग हिस्से बनाए गए हैं। अभी सिर्फ आईआरसीटीसी से मंजूरी प्राप्ति वेंडर ही स्टेशनों और ट्रेनों में अपना सामान बेच सकते हैं।

'प्रत्येक विक्रेता को 1,500 रुपये का शुल्क देना होगा'

एक अधिकारी ने कहा, 'प्रत्येक विक्रेता को 1,500 रुपये का शुल्क देना होगा। हालांकि, वह केवल 15 दिन के लिए अपना माल बेच सकेंगे। उसके बाद वह स्थान दूसरे फेरीवाले को दे दिया जाएगा।'
 

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