लाइव टीवी

Retail inflation : इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए खुदरा महंगाई दर में गिरावट, अगस्त में कम होकर रही 5.63 प्रतिशत 

Updated Sep 30, 2020 | 19:02 IST

औद्योगिक कामगारों के लिए खुदरा महंगाई दर (Retail inflation) अगस्त महीने में कम हो गई है।

Loading ...
खदरा महंगाई दर में गिरावट

नई दिल्ली : कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने से औद्योगिक कामगारों के लिए खुदरा महंगाई दर अगस्त महीने में कम होकर 5.63 प्रतिशत रह गई। एक साल पहले इसी महीने में यह 6.31 प्रतिशत थी। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सालाना आधार पर सभी कमोडिटी की महंगाई दर इस साल अगस्त में 5.63 प्रतिशत रही। एक महीने पहले यानी जुलाई 2020 में यह 5.33 प्रतिशत और एक साल पहले यानी अगस्त 2019 में यह 6.31 प्रतिशत थी। खाद्य समूह की महंगाई दर अगस्त महीने में 6.67 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने जुलाई में 6.38 प्रतिशत और एक साल पहले अगस्त 2019 में 5.10 प्रतिशत थी।

औद्योगिक कामगारों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) अगस्त 2020 में दो अंक बढ़कर 338 अंक रहा। प्रतिशत के हिसाब से पिछले माह के मुकाबले यानी जुलाई -अगस्त के बीच इसमें 0.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी माह में 0.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। श्रम मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, मौजूदा सूचकांक में सर्वाधिक तेजी खाद्य समूह से आई है। इसका कुल बदलाव में योगदान (+) 1.14 प्रतिशत रहा।

कमोडिटी के आधार पर चावल, सरसों तेल, दूध (भैंस), हरी मिर्च, प्याज, बैंगन, गाजर, फ्रेंच बीन्स, लौकी, हरा धनिया पत्ता, भिंडी, पालक, परवल, आलू, केला, आम (पका), चाय (रेडीमेड), फूलों की माला आदि के कारण सूचकांक में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, दूसरी तरफ गेहूं, गेहूं आटा, ताजी मछली, बकरे का मांस, पाल्ट्री (चिकेन), टमाटर, अमरूद आदि सस्ता होने से सूचकांक में तेजी पर अंकुश लगा।

केंद्र के स्तर पर सूचकांक में कोयंबटूर में सर्वाधिक नौ अंक की वृद्धि हुई। उसके बाद सलेम (सात अंक) और मदुरई (छह अंक) का स्थान रहा। आंकड़ों के अनुसार तीन केंद्रों में 5-5 अंक, तीन केंद्रों में 4-4 अंक, 12 केंद्रों में 3-3 अंक, 14 केंद्रों पर 2-2 अंक और 16 केंद्रों में 1-1 अंक की वृद्धि हुई।

इसके विपरीत लाबाक- सिलचर में चार अंक की गिरावट आयी। इसके अलावा तीन केंद्रों में 2-2 अंक और आठ केंद्रों में 1-1 अंक की गिरावट आयी। शेष 15 केंद्रों में सूचकांक स्थिर रहे। कुल 31 केंद्रों का सूचकांक आखिल भारतीय सूचकांक से अधिक है, जबकि 47 केंद्रों में यह आखिल भारतीय स्तर से नीचे है।

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सीपीआई-आईडब्ल्यू (रहन-सहन की लागत) में वृद्धि का संगठित क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक कामगारों के अलावा सरकारी कामगारों के वेतन/मजदूरी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मुख्य रूप से चावल, आलू, बैंगन, प्याज आदि के दाम बढ़ने से उपभोक्ता मूल्य का सालाना सूचकांक बढ़ा है। सरकारी कामगारों और पेंशनभोगियों के लिये महंगाई भत्ते के निर्धारण में सीपीआई-आईडब्ल्यू मानक है।

श्रम मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय श्रम ब्यूरो देश भर में 78 औद्योगिक केंद्रों के 289 बाजारों से चुनिंदा वस्तुओं की खुदरा कीमतों के आंकड़े जमा करता है। इस आंकड़े के आधार पर हर महीने सीपीआई-आईडब्ल्यू की गणना की जाती है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।