- एमएसएमई सेक्टर कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है
- सरकार ने 100 प्रतिशत सरकारी गारंटी वाली आपात ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है
- यह योजना पीएम मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है
नई दिल्ली : बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए तीन लाख करोड़ रुपए की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अब तक 1,20,099.37 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया है। हालांकि, नौ जुलाई तक इसमें से 61,987.90 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कोविड-19 महामारी से एमएसएमई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस क्षेत्र को मदद देने के लिए सरकार ने 100 प्रतिशत सरकारी गारंटी वाली आपात ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बाद में 5 चरणों में इस पैकेज का ब्योरा पेश किया। वित्त मंत्रालय ने जो ताजा आंकड़े जारी किए हैं उनमें इस योजना के तहत सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, 22 निजी क्षेत्र के बैंकों और 21 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा मंजूर और वितरित ऋण का ब्योरा शामिल है।
वित्त मंत्री ने सीतारमण ने ट्वीट किया कि नौ जुलाई, 2020 तक 100 प्रतिशत ईसीएलजीएस के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा कुल 1,20,099.37 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया। इसमें से 61,987.90 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा मंजूर लोन की राशि बढ़कर 68,145.40 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। नौ जुलाई तक इसमें से 38,372.88 करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका था। इसी तरह निजी क्षेत्र के बैंकों ने 51,953.97 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है जिसमें से 23,615.02 करोड़ रुपए वितरित किया जा चुका है।
आंकड़ों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने योजना के तहत 20,788 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है और 13,893 करोड़ रुपये वितरित किये है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 8,977 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है, जबकि उसमें से 2,975 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं।
महाराष्ट्र की कंपनियों को सबसे अधिक 7,035 करोड़ रुपए का लोन मंजूर किया गया है। उन्हें अभी तक इसमें से 3,897 करोड़ रुपये वितरित हुए हैं। इसी तरह तमिलनाडु की इकाइयों को 6,955 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर हुआ है। जिसमें से उन्हें 4,153 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मई को एमएसएमई क्षेत्र को 9.25 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर तीन लाख करोड़ रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराने की योजना को मंजूरी द दी थी। योजना के तहत लोन पर राष्ट्रीय लोन गारंटी ट्रस्ट कंपनी 100 प्रतिशत गारंटी कवर देगी।
इसके तहत पात्र एमएसएमई और मुद्रा योजना के तहत कर्ज लने वालों को गारंटीशुदा आपात लोन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार ने इसके लिए 41,600 करोड़ रुपए का फंड स्थापित किया है। यह फंड चालू वित्त वर्ष के साथ ही अगले तीन वित्त वर्ष के दौरान रहेगा।