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Crypto Currency Ban:10 करोड़ क्रिप्टो ओनर ने कर रखा है 10 अरब डॉलर का निवेश, डूबेगा पैसा ! दुनिया में सबसे ज्यादा निवेशक

Updated Nov 24, 2021 | 12:29 IST

Crypto Currency Ban: भारत सरकार ने क्रिप्टो करंसी को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने की तैयारी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि देश के 10 करोड़ क्रिप्टो ओनर के निवेश का क्या होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सरकार क्रिप्टो करंसी को करेगी प्रतिबंधित !
मुख्य बातें
  • प्राइवेट क्रिप्टो करंसी पर प्रतिबंध की खबर से बिटक्वॉइन, ईथर सहित दूसरी क्रिप्टो करंसी की कीमतों में भारी गिरावट आई है।
  • देश में 10 करोड़ के करीब क्रिप्टो ओनर हैं, और उन्होंने करीब 10 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है।
  • ड्रॉफ्ट बिल के अनुसार निवेशकों को प्रतिबंध लगने के बाद पैसे निकालने के लिए 90 दिन का समय मिल सकता है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 पेश किया जाएगा। सरकार ने बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही है। हालांकि उसने यह भी कहा कि क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए कुछ ढील भी दी जा सकती है। और आरबीआई डिजिटल करंसी लांच कर सकता है। ऐसे में क्या अभी तक क्रिप्टो करंसी में किया गया निवेश डूब जाएगा, यहीं सबसे बड़ा सवाल है।

देश में विभिन्न एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक 5 करोड़ से ज्यादा निवेशक हैं और 10 करोड़ क्रिप्टो ओनर (एक निवेशक के पास एक से ज्यादा क्रिप्टो करंसी हो सकती है) हैं। और उन्होंने कम से कम 10 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है। क्रिप्टोकरेंसी बैन को लेकर ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म  Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि अगर सरकार क्रिप्टो करंसी को प्रतिबंधित करेगी तो जो करंसी सर्कुलेशन में हैं उसका क्या होगा? 

पैसे डूबने के डर से क्रैश हो रही हैं क्रिप्टो करंसी

क्रिप्टो करंसी पर रेग्युलेशन लाने के बात आने के बाद भारत में क्रिप्टो करंसी की कीमत तेजी से गिरनी शुरू हो गई है। निवेशक पैसे डूबने के डर से पैसे निकाल रहे हैं। बुधवार को खबर लिखे जाने तक wazirx.com पर बिट क्वॉइन की कीमत 14.41 फीसदी, ईथर की कीमत 11.89 फीसदी, शिबा इनु की कीमत  20 फीसदी और टीथर (USDT)की कीमत में करीब 14.6 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। बिटक्वॉइन 39,49,501 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जबकि ईथर 2,98,000 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। 

भारत में सबसे ज्यादा यूजर

दुनिया भर में क्रिप्टो करंसी को ट्रैक करने वाली एजेंसजी ब्रुकचूजर की रिपोर्ट के अनुसार भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो ओनर हैं। इस समय करीब 10 करोड़ क्रिप्टोओनर हैं। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम में 3.36 करोड़, अमेरिका में 2.74 करोड़ क्रिप्टो ओनर हैं। वहीं क्रिप्टो करंसी पर रिसर्च करने वाले एजेंसी CREBACO ग्लोबल के फाउंडर और सीईओ सिद्धार्थ सोगानी टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से कहते हैं 'देखिए भारत में क्रिप्टो करंसी रेग्युलेटेड नहीं है, इसलिए निवेशकों की सही संख्या बताना मुश्किल है, लेकिन हमारा जो आंकलन है, उसके अनुसार 5 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो यूजर हैं। और कम से कम 10 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। जहां तक कीमतों में गिरावट की बात है तो घबड़ाने की जरूरत नहीं है।'

क्या डूब जाएगा निवेशकों का पैसा

सिद्धार्थ कहते हैं देखिए, भारत में करोड़ों की संख्या में लोगों ने क्रिप्टो करंसी में निवेश कर रखा है। इसमें छात्रों से लेकर छोटे निवेशकों तक के पैसा लगे हैं। इसके पहले  क्रिप्टो करंसी रेग्युलेशन के लिए जो ड्रॉफ्ट बिल आया था, उसमें भी निवेशकों को 90 दिन का वक्त देने की बात कही गई थी। यानी इस अवधि में वह अपने निवेश को निकाल सकेंगे। ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि संसद में जो बिल पेश किया जाएगा, उसमें भी निवेशकों को पैसा निकालने की मोहलत मिलेगी। दुनिया भर में इस समय 7000-8000 क्रिप्टो करंसी हैं, जिसमें ट्रेडिंग की जा रही है। और इसमें करीब 200-300 ब्लूचिप कंपनियां है।

पूरी तरह से प्रतिबंधित करना आसान नहीं

सिद्धार्थ कहते हैं कि दुनिया भर में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह इंटरनेट की दुनिया है। ऐसे में एक लोकतांत्रिक देश में इसे रेग्युलेट करना ही सही तरीका है।  ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया,चीन, फ्रांस, जर्मनी,हांगकांग,इटली, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, अमेरिका के अधिकतर राज्यों में क्रिप्टो करंसी को रेग्युलेट किया गया है। ऐसे में मुझे भी उम्मीद है कि क्रिप्टो करंसी कमोडिटी या एसेट की रुप में भारत में इस्तेमाल हो सकेगी। हालांकि सही तस्वीर क्या होगी यह तो संसद में बिल पेश होने के बाद ही  पता चलेगा। पर इस बीच निवेशकों को यही सलाह है कि घबड़ाए नहीं।

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