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IEC 2022 : अडार पूनावाला ने कहा-कोविड-19 का बूस्टर डोज जरूरी, मंजूरी देने में पहले जैसी तेजी दिखाएं नियामक एजेंसियां

Updated Apr 22, 2022 | 12:14 IST

IEC 2020 : देश की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी SII के सीईओ अडार पूनावाला ने कहा कि हम बूस्टर डोज की अनुमति देने के लिए पिछले साल दिसंबर से अनुरोध कर रहे हैं लेकिन इसमें देरी हुई है।

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मुख्य बातें
  • कोरोना महामारी से लड़ाई में स्वदेशी टीकों ने बहुत अच्छा काम किया।
  • हमें दूसरे देशों की तरह चार-पांच बूस्टर डोज लगाने की जरूरत नहीं है।
  • बूस्टर डोज की अनुमति देने में नियामक एजेंसियों की तरफ से देरी हुई।

IEC 2022 : टाइम्स नेटवर्क के  कार्यक्रम 'इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव' में अर्थव्यवस्था एवं नीतियों से जुड़े दिग्गजों का दूसरे दिन भी जुटना जारी है। आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अडार पूनावाला ने कोविड-19 के टीके, बूस्टर डोज एवं टीकाकरण अभियान पर अपनी बात रखी। टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ एवं टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर नाविका कुमार के साथ बातचीत में पूनावाला ने कहा कि कोविड-19 का बूस्टर डोज जरूरी है। इसको लेने से लोग खुद को ज्यादा सुरक्षित रख पाएंगे क्योंकि समय-समय पर कोविड अपना रूप बदल रहा है और उसके नए-नए वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं। 

बूस्टर डोज की अनुमति देने में देरी हुई-पूनावाला
पूनावाला ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार ने दो टीकों के बीच के अंतराल को घटाकर (नौ महीने से घटाकर छह महीने) कम किया है। देश की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी के सीईओ ने कहा कि हम बूस्टर डोज की अनुमति देने के लिए पिछले साल दिसंबर से अनुरोध कर रहे हैं लेकिन इसमें देरी हुई है। यह काम जल्दी होना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'मैं सरकार की आलोचना नहीं कर रहा हूं बल्कि महामारी के दौरान जिस तरह से नियामक एजेंसियों की तरफ से तत्परता एवं सक्रियता दिखाई गई, वैसा ही अब भी होना चाहिए।' 

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'हमें चार-पांच बूस्टर डोज लगाने की जरूरत नहीं'
पूनावाला ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई में स्वदेशी टीकों ने बहुत अच्छा काम किया। टीकाकरण अभियान में भारत कई विकसित देशों की तुलना में अच्छी स्थिति में है। हमें दूसरों की तरह अपने लोगों को चार-पांच बूस्टर डोज लगाने की जरूरत नहीं है। अपने यहां बूस्टर डोज देने में पहले ही देरी हो चुकी है। हम सभी जानते हैं कि टीका लेने के छह महीने के बाद टीके की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। बूस्टर डोज से इसे बढ़ाया जा सकता है। एहतियाती तौर पर देकर हम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर रूप से बीमार होने से बचा सकते हैं। 

देश के आर्थिक हालात पर जारी है मंथन 
बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार को आईईसी-2022 की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के पहले दिन अर्थव्यवस्था एवं नीतियों का निर्माण करने वाले दिग्गजों ने देश की आर्थिक स्थिति पर अपने विचार रखे। विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है। आर्थिक मोर्चे पर अच्छे संकेत मिल रहे हैं। यही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था कैसे तेजी से आगे बढ़े, विशेषज्ञों ने इसका भी खाका खींचा। कार्यक्रम के पहले दिन अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, भारती एंटरप्राइजेज के फाउंडर सुनील भारती मित्तल जैसी हस्तियों ने अर्थव्यवस्था पर अपने विचार साझा किए। 

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कार्यक्रम का आज अंतिम दिन
इस बार आईईसी-2022 की थीम 'द ग्रेट इंडियन डेमोक्रेटिक डिविडेंड' रखी गई है। उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टाइम्स ग्रुप के एमडी विनीत जैन ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद भारत हमेशा आगे बढ़ा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन भी अर्थ जगत एवं अन्य क्षेत्रों के बड़ी हस्तियां मुद्दों पर मंथन करेंगी। 

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