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Chandigarh News: चंडीगढ़ में पतंगबाजी का शौक अब पड़ेगा महंगा, लाखों के जुर्माना के साथ पांच साल की जेल

Updated Sep 16, 2022 | 20:59 IST

Chandigarh News: चंडीगढ़ में नायलोन थ्रेड (चाइनीज डोर) के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस डोर से अगर पतंग उड़ाते हैं हुए पकड़े गए या आपके पास से यह डोर बरामद हुई तो आपको पांच वर्ष जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इस संबंध में प्रशासन की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
चंडीगढ़ में नायलोन थ्रेड डोर पूरी तरह से प्रतिबंधित
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ में नायलोन थ्रेड डोर पूरी तरह से प्रतिबंधित
  • एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 के तहत लगा प्रतिबंध
  • प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई प्रतिबंध की सूचना

Chandigarh News: अगर आपको पतंग उड़ाने का शौक है और आप चंडीगढ़ में रहते हैं तो आपको यह शौक अब सीधे जेल पहुंचा सकता है। क्‍योंकि चंडीगढ़ प्रशासन ने नायलोन थ्रेड (चाइनीज डोर) के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस डोर से अगर पतंग उड़ाते हैं हुए पकड़े गए या आपके पास से यह डोर बरामद हुई तो आपको पांच वर्ष जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस डोर को एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 के सेक्शन-15 के तहत पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के साथ सजा का प्रावधान भी कर दिया है। इस संबंध में प्रशासन द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

बता दें कि अभी तक इस डोर के इस्‍तेमाल पर रोक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सीआरपीसी-144 के तहत आदेश जारी कर लगाते थे, लेकिन अब अधिसूचना जारी कर इसे परमानेंट ही बैन कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार अब चंडीगढ़ क्षेत्र में नायलोन थ्रेड को खरीदने, स्‍टॉक करने, सेल या फिर इस्तेमाल करने पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार यह रोक सिर्फ नायलोन थ्रेड पर नहीं है। यह पाबंदी हर उसे सिंथेटिक कोटन थ्रेड पर है, जिस पर कांच की परत हो ओर जिसका इस्‍तेमाल पतंग उड़ाने में किया जाता हो।

इन अधिकारियों पर आदेश का पालन कराने की जिम्‍मेदारी

चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से जारी अधिसूचना में अधिकारियों की जिम्‍मेदारी तय की गई है कि वे एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 के सेक्शन-19 के तहत शिकायत दर्ज कर कार्रवाई करें। इस आदेश को सेक्रेटरी एन्वायरनमेंट के साथ एसडीएम साउथ, ईस्ट और सेंट्रल अपने क्षेत्र में लागू करेंगे। वहीं, चंडीगढ़ डीसी इसे लागू करने में कोआर्डिनेटर की भूमिका अदा करेंगे। इस नियम में शिकायत दर्ज करने की जिम्‍मेदारी चंडीगढ़ पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी को दी गई है। बता दें कि इस चाइनीज डोर की चपेट में आने से हर साल सैकड़ों पक्षियों के साथ इंसान भी घायल होते रहते हैं। इसके साथ ही ये सीवरेज और ड्रेनेज लाइन आदि में लगातार ब्लॉकेज का कारण भी बनती है।