लाइव टीवी

Chandigarh Cyber Fraud : सावधान! चंडीगढ़ में बढ़े साइबर फ्रॉड के मामले, इन लोगों को बना रहे टारगेट

Updated Mar 27, 2022 | 20:30 IST

Chandigarh Cyber Fraud: 57 वर्षीय हीरा लाल पिछले साल दिसंबर में अपनी ऑफिस में बैठे थे कि तभी उन्हें KYC अपडेट का झांसा देकर उनके बैंक खाते से 9.99 लाख रुपए अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए गए। इसके बाद बीएसएफ के 75 वर्षीय सेवानिवृत्त कमांडेंट जगबीर सिंह ढिल्लों को भी कुछ ही दिनों बाद उसी तरीके से 9.99 लाख रुपये का चूना लगाया गया। 

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
चंडीगढ़ में बढ़े साइबर फ्रॉड के मामले, बूढ़े बने टारगेट
मुख्य बातें
  • साइबर ठगी के बढ़ते मामले 
  • OTP पूछ निकाल लेते हैं लाखों की रकम
  • KYC अपडेट का झांसा देकर जानते हैं बैंक डिटेल्स

Chandigarh Cyber Fraud: चंडीगढ़ में साइबर ठगी के बढ़ते मामले देखने को मिल जाते हैं। साइबर ठगी करने के लिए अपराधियों द्वारा अलग अलग फर्जी नंबरों से लोगों को कॉल किया जाता है। ये शातिर अपराधी डेड इंश्योरेंस पॉलिसी और लोन दिलाने के नाम पर लोगों को लालच देकर उनके खातों से पैसे उड़ा लेते हैं।  ये अपराधी ज्यादातर गांव के लोंगों या बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं। 

हाल ही में इसी तरह का एक मामला सामने आया हैै, जिसमें चंडीगढ़ के होटल व्यवसायी हीरा लाल महाजन के साथ भी ऐसा ही हुआ। दरअसल, 57 वर्षीय हीरा लाल पिछले साल दिसंबर में अपनी ऑफिस में बैठे थे कि तभी उन्हें KYC अपडेट का झांसा देकर उनके बैंक खाते से 9.99 लाख रुपए अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए गए।

लिंक पर क्लिक करने पर उड़े पैसे

होटल व्यवसायी हीरा लाल महाजन ने बताया कि  उन्हें अपने स्मार्टफोन पर एक कॉल आया, जहां उन्हें अपने एचडीएफसी की समाप्ति से बचने के लिए केवाईसी विवरण अपडेट करने के लिए कहा गया था। ये सुनने के बाद महाजन ऐसा करने के लिए तैयार हो गए और भेजे गए लिंक पर क्लिक कर दिया। उनके फोन पर आए तीन ओटीपी साझा करने के लिए कहा गया। जैसे ही उन्होंने पासवर्ड साझा किया, तो तीन अलग-अलग लेनदेन में उनके खाते से 9.99 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए।

9.99 लाख रुपये का चूना लगाया

वहीं बीएसएफ के 75 वर्षीय सेवानिवृत्त कमांडेंट जगबीर सिंह ढिल्लों को कुछ ही दिनों बाद उसी तरीके से 9.99 लाख रुपये का चूना लगाया गया। उन्हें एक कॉल आया, जहां उन्हें अपने बैंक खाते से जुड़े एयरटेल सिम की समाप्ति से बचने के लिए अपनी केवाईसी जानकारी अपडेट करने के लिए कहा गया था। हालांकि, इस घटना में, कॉल करने वाले ने ढिल्लों को 'एनीडेस्क' ऐप डाउनलोड करके उसे यूज करने के लिए कहा गया, जो इनवाइट किए गए अदर यूजर को इंटरनेट पर किसी अन्य कंप्यूटर सिस्टम को देखने और बातचीत करने की अनुमति देता है। कॉलर ने ढिल्लों के बैंक विवरण हासिल करने के लिए ऐप का इस्तेमाल किया।