- सीएचबी ने चंडीगढ़ में आवंटित किए हैं 18500 मकान
- सर्वे में पता चला कि 10000 अलाटियों ने तोड़े नियम व शर्ते
- सीएचबी करेगा कब्जा वापस लेने के साथ कानूनी कार्रवाई
Chandigarh News: चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा विभिन्न स्कीमों में मिले मकानों में नियम व शर्तों की धज्जियां उड़ाने का बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके बाद अब प्रशासन सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहे है। जिन अलाटियों ने नियम व शर्तें तोड़ी है, उन पर अब मकान छिनने के साथ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। दरअसल, सीएचबी ने पुनर्वास योजना, अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग अलाटमेंट स्कीम और स्माल फ्लैट स्कीम के तहत चंडीगढ़ में 18500 मकान आवंटित किए हैं। इन मकानों को लेने वाले के सामने कुछ शर्तें रखी जाती हैं, जिनमें मानना अनिवार्य होता है। इनमें सबसे बड़ी शर्त होती है कि इन मकानों को न तो बेचा जा सकता है, न ही किराये पर दिया जा सकता और न रिश्तेदारों को दिया जा सकता।
सीएचबी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि इन मकानों के अलॉटी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके बाद सीएचबी ने पिछले माह सर्वे शुरू कराया था। सर्वे में खुलासा हुआ कि 10 हजार से अधिक अलॉटी इन मकानों को या तो सेल कर गए या रेंट पर दे गए या फिर अपने रिश्तेदारों को सौंप कर दूसरी जगह चले गए। असल में ये अलॉटी भूल गए कि यह इन मकानों से जुड़े सबसे अहम नियम और शर्तें हैं। यह भूल इन पर भारी पड़ने वाली है। अब मकान खाली होने का डर तो है ही साथ ही कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
लाइसेंस डीड में थी यह 11 नियम व शर्तें
बता दें कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा विभिन्न स्कीम के तहत दिए जाने वाले मकानों से जुड़ी 11 शर्तें होती हैं, जिन्हें मानना अनिवार्य होता है। अगर इसमें से कोई भी शर्त टूटती है तो सीएसबी अपना मकान वापस ले लेता है। इन लाइसेंसी मकान के कुछ अहम शर्तों में इन मकानों को सबलेट, जनरल पावर ऑफ अटार्नी या मकान के किसी हिस्से का कब्जा दूसरे को नहीं दिया जा सकता है। लेकिन लोगों ने सबसे ज्यादा इसी नियम की धज्जियां उड़ाई हैं। लोग सस्ते दामों में इन मकान व फ्लैट लेकर इसे किराये पर उठा देते हैं या फिर बेंच देते हैं।