- अब्दुल रज्जाक ने बताया कि वह किस तरह सचिन तेंदुलकर को परेशान करते थे
- अब्दुल रज्जाक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 6 बार तेंदुलकर को आउट किया
- अब्दुल रज्जाक ने बताया कि उन्हें दबाव में खेलना बहुत अच्छा लगता था
कराची: भारत के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शामिल हैं। तेंदुलकर के नाम टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतक जमाने का रिकॉर्ड दर्ज है। मास्टर ब्लास्टर में किसी भी गेंदबाज की धज्जियां उड़ाने की क्षमता थी। मैदान कोई भी हो, तेंदुलकर की बल्लेबाजी की तूती हर जगह बोलती थी। हालांकि, कुछ गेंदबाज रहे, जो तेंदुलकर को परेशान करने में कामयाब रहे।
जब भी इस पर विचार किया जाता है कि सचिन तेंदुलकर को सबसे ज्यादा बार किन गेंदबाजों ने आउट किया तो ब्रेट ली, जेम्स एंडरसन, ग्लेन मैक्ग्रा का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है। हालांकि, एक ऐसा भी मध्यम तेज गेंदबाज था, जिसने भारत के महान बल्लेबाज को कई बार परेशान किया और वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 6 बार आउट किया।
हम यहां बात कर रहे हैं पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक की। रज्जाक ने हाल ही में बताया कि सचिन तेंदुलकर के खिलाफ उनकी सफलता का असली कारण क्या है। 41 साल के पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर ने कहा कि वह इन-स्विंग और रिवर्स स्विंग गेंदें डालते थे, जिसे खेलना बहुत मुश्किल होता था।
सचिन तेंदुलकर के खिलाफ सफलता पाने के बारे में जियो न्यूज से बातचीत करते हुए रज्जाक ने कहा, 'सीधी से बात है जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरह की गेंदें डालते हो, जिसे खेलना नामुमकिन है तो आपको सफलता मिलना तय है। अन्यथा, आम गेंदबाजों को स्विंग नहीं मिलती। वो यॉर्कर का ढंग से उपयोग नहीं करते हैं और कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाते।'
मुझे मुश्किल परिस्थितियों में खेलना पसंद: अब्दुल रज्जाक
रज्जाक ने कहा, 'शुरूआत में मैं इन-स्विंग और रिवर्स स्विंग का बहुत अच्छे से उपयोग करता था। आप इसे बल्लेबाज की कमजोरी नहीं कह सकते। आप इसे अच्छी गेंद बोल सकते हैं। यह संभावना होती थी कि तेंदुलकर के दिमाग में कुछ और चल रहा हो, शायद वो आउट स्विंग आने की उम्मीद कर रहा हो।'
रज्जाक ने गेंद और बल्ले से पाकिस्तान को कई मैच जिताए हैं। जब ऑलराउंडर से पूछा गया कि आपको बल्लेबाजी या गेंदबाजी में से ज्यादा पसंद क्या है तो रज्जाक ने जवाब दिया कि उन्हें दबाव वाली स्थिति में खेलना पसंद था। रज्जाक ने कहा, 'मैं ऑब्जर्वर था और फंसी हुई परिस्थिति में खेलने का आनंद आता था। मुझे दबाव की स्थिति में गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करना पसंद था।'