- एडम गिलक्रिस्ट ने टीम इंडिया की सबसे बड़ी गलती का खुलासा किया
- गिलक्रिस्ट का मानना है कि भारत को अपने बल्लेबाजी पर ध्यान देने की जरूरत
- गिली ने बताया कि किस बल्लेबाज के कारण टीम इंडिया बैकफुट पर गई
एडिलेड: एडिलेड में संपन्न पहले टेस्ट में टीम इंडिया के प्रदर्शन में कई खामियां निकली, जिसमें बल्लेबाजी और फील्डिंग सबसे बड़ी रहीं। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में ऐसे कई मौके आए जब टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने आसान कैच टपकाए और भले ही वो महंगे साबित नहीं हुए हो, लेकिन असली बात यह है कि टीम इंडिया की कैचिंग अच्छी नहीं है, जो चिंता का विषय है।
दूसरी चीज, भारत को बल्लेबाजी ने काफी निराश किया। विराट कोहली के आउट होने के बाद पहली पारी में बिखरी भारतीय बल्लेबाजी ने दूसरी पारी में आपदा सही, जिसका नतीजा यह रहा कि क्रिकेट इतिहास में भारत अपना सबसे छोटा टेस्ट स्कोर बना पाया। भारत ने 36/9 का स्कोर बनाया था। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट का मानना है कि टीम इंडिया को अपनी खराब बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहिए, जिसकी शुरूआत ओपनर पृथ्वी शॉ से होती है।
पृथ्वी शॉ के कारण टीम बैकफुट पर गई: गिली
गिलक्रिस्ट ने मिड-डे में लिखे अपने कॉलम में बताया, 'दोनों पारियों में पृथ्वी शॉ के जल्दी आउट होने से टीम बैकफुट पर चली गई। शॉ पिछली बार भारतीय टीम का हिस्सा थे और यहां पर युवा बल्लेबाज को लेकर कई तरह की बातें बनी हुई थीं। इसका मतलब यह भी है कि उनकी तकनीक को परखा गया और योजना बनाई गई कि बल्ले और पैड के बीच गेंद डालकर आउट करना है। युवा बल्लेबाज के लिए यह चिंता का विषय है।'
पृथ्वी शॉ एडिलेड में पहली पारी में 2 गेंदों पर बिना रन बनाए आउट हुए जबकि दूसरी पारी में 4 रन बनाकर चलते बने। गिलक्रिस्ट का मानना है कि 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में शॉ को चुनना चयनकर्ताओं के लिए सिरदर्द बना रहेगा। गिली ने कहा, 'पृथ्वी शॉ लंबे शॉट लगाने के लिए जाने जाते हैं, जो ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में पलटवार कर सकता है क्योंकि उनके बल्ले का किनारा लगने के बाद गेंद केवल गली में जाएगी। जहां वो प्रतिभाशाली युवा हैं, वहीं उनका प्रदर्शन चयनकर्ताओं को चिंता में डाल रहा है, जो बॉक्सिंग डे टेस्ट की योजना बनाने में जुटे हैं।'
पुजारा की धीमी बल्लेबाजी सही नहीं: गिली
गिलक्रिस्ट ने साथ ही पाया कि पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा की डिफेंसिव सोच सही नहीं थी। गिली ने कहा कि कोहली और पुजारा के बीच साझेदारी ने पारी का रोमांच कम कर दिया। पुजारा ने 160 गेंदों में 43 रन बनाए थे। हालांकि, गिली का मानना है कि भारत दूसरी पारी में भी इसी सोच के साथ खेलता तो फायदा होता, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका।
गिलक्रिस्टि ने लिखा, 'पहली पारी को देखें तो चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने कुछ ज्यादा ही धीमी साझेदारी की। ऐसा दूसरी पारी में नहीं दोहराया जा सका। पहली पारी में ऐसा लगा कि भारत स्कोर बनाने पर ध्यान नहीं दे रहा है, लेकिन कोहली की मास्टरक्लास और फिर पुजारा व रहाणे के योगदान ने सुनिश्चित किया कि भारत 244 रन के स्कोर पर पहुंच सके।'