- एमएस धोनी के संन्यास पर ग्रैग चैपल का खास इंटरव्यू
- भारतीय कोच के रूप में विवादित रहे थे ग्रैग चैपल
- पूर्व कप्तान सौरव गांगुली से छींटाकशी फैंस अब भी नहीं भूले हैं
नई दिल्ली: विवादित कार्यकाल वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ग्रैग चैपल भारतीय खिलाड़ियों के बारे में कम ही बोलना पसंद करते हैं। टीम में फूट, सौरव गांगुली के साथ विवाद और सीनियर खिलाड़ियों का उनके प्रति गुस्सा आज तक कायम है। ऐसे में जब उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बारे में बात करते हुए बोलना शुरू किया तो सबकी नजरें उन पर थीं। चैपल ने आईएएनएस के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं।
चैपल धोनी के अंतर्राष्ट्रीय करियर के शुरुआती दो सालों (2005-2007) के दौरान भारतीय टीम के मुख्य कोच रहे थे। उन्होंने कहा कि विकेटकीपर-बल्लेबाज ने उनकी उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया और वह चैपल द्वारा देखे गए भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। चैपल ने कहा कि धोनी प्रतिस्पर्धा करना पसंद करते थे। उन्होंने बताया कि उन्होंन धोनी को काफी चुनौती दी और भारतीय खिलाड़ी ने उनका जमकर सामना किया। चैपल ने कहा कि उन्हें धोनी का ह्यूमर काफी पसंद आया।
पेश हैं चैपल के इंटरव्यू के अंश
सवाल: धोनी एक क्रिकेटर और एक इंसान, के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?
जवाब : मेरा धोनी के साथ एक क्रिकेटर और एक इंसान के तौर पर अनुभव सकारात्मक रहा। उनके साथ काम करना काफी आसान है क्योंकि वह काफी खुले और बेबाक हैं। धोनी में फर्जी विनम्रता नहीं है। अगर उन्हें लगता है कि वह कुछ कर सकते हैं तो वह इस बात को आत्मविश्वास के साथ कहते हैं।
सवाल : आपने धोनी की क्रिकेट चतुरता की तारीफ की। आपके हिसाब से उनक खेल की सबसे विशेष बात क्या थी?
जवाब : सबसे विशेष बात उनका खुद पर विश्वास था। वह अपने आत्मविश्वास और बेबाक तरीके के कारण सबसे अलग दिखते थे। वह राजनीति में विश्वास नहीं रखते थे। वह सीधे तौर पर निपटने में और विनम्र तरीके से प्रतिक्रिया देने में विश्वास रखते थे
सवाल : आप उन्हें एक क्रिकेटर और राष्ट्रीय कप्तान के तौर पर वैश्विक सूची में कहां रखेंगे ?
जवाब : मेरे विचार में, मैंने जितने भारतीय कप्तान देखे हैं उनमें वो सर्वश्रेष्ठ हैं। मैं अपने अनुभव से उन्हें कप्तानी की उच्चतम श्रेणी में रखूंगा। वह मार्क बियरले, ईयान चैपल, मार्क टेलर और क्लाइव लॉयड के साथ बीते 50 वर्षों में सबसे प्ररेणादायी कप्तान हैं।
सवाल : धोनी के साथ मैदान के बाहर और अंदर बिताए गए पलों में आपको सबसे अच्छा पल कौन सा है?
जवाब : मुझे धोनी का ह्यूमर और मजाकिया अंदाज पसंद है। वह एक ऐसे प्रतिद्वंदी हैं जिन्हें चुनौतियां पसंद हैं। मैं उन्हें चुनौती देने का लुत्फ उठाता था।
सवाल : जब आप भारतीय टीम के कोच थे तब धोनी आपकी उम्मीदों पर खरे उतरे थे? क्या उन्होंने मैदान पर आपकी रणनीति को लागू किया?
जवाब : मुझे उनसे जो उम्मीदें थीं वो उनसे भी आगे निकले और हो सकता है कि वह अपनी भी उम्मीदों से आगे निकले हों। इसका श्रेय उनको जाता है कि उन्होंने अपनी योग्यता का इस्तेमाल अपने युग के महान हरफनमौला खिलाड़ियों में से एक और एक प्ररेणादायी कप्तान बनने के लिए किया।
धोनी जैसा कोई नहीं, उनकी सफलताएं
धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी का हर खिताब अपने नाम किया। उन्हीं की कप्तानी में भारत ने 2007 में पहला टी-20 विश्व कप जीता और 28 साल बाद 2011 में भारत को अपनी कप्तानी में वनडे विश्व कप का खिताब दिलाया। 2013 में धोनी की कप्तानी में ही भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी जीती और टेस्ट में नंबर-1 टीम बनाया। आईपीएल में भी धोनी की कप्तानी का रुतबा देखने को मिला है। उन्होंने तीन बार चेन्नई सुपर किंग्स को खिताब दिलाया। चेन्नई ने जब भी आईपीएल में कदम रखा वह हार बार प्लेऑफ में पहुंची। धोनी ने 15 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।