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'मैं तेज गेंदबाज था'- कैसे युवा युवराज सिंह ने बल्‍लेबाज बनने के लिए किया था तेज गेंदबाजी का त्‍याग

Updated Jul 27, 2020 | 15:01 IST

Yuvraj Singh pace bowler: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने खुलासा किया कि वह तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन एक घटना ने उनका दिमाग बदला और वह आगे चलकर शीर्ष बल्‍लेबाज बने।

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युवराज सिंह
मुख्य बातें
  • युवराज सिंह ने खुलासा किया कि वह तेज गेंदबाज बनना चाहते थे
  • युवराज ने बताया कि वह 11 या 12 साल के थे जब पहली बार महसूस हुआ कि बल्‍लेबाज बन सकते हैं
  • युवराज भारत के सर्वश्रेष्‍ठ ऑलराउंडर्स में से एक माने जाते हैं

नई दिल्‍ली: युवराज सिंह भारत के सर्वश्रेष्‍ठ ऑलराउंडर्स में से एक माने जाते हैं। 2007 वर्ल्‍ड टी20 और 2011 वर्ल्‍ड कप के हीरो रहे युवराज सिंह ने सीति ओवर क्रिकेट में भारत को निरंतर मैच जिताए और वह अपनी आक्रामक बल्‍लेबाजी के लिए जाने जाते थे। युवराज सिंह अपना दिन होने पर अकेले ही दुनिया के किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने के लिए जाने जाते थे और उनकी आकर्षक बल्‍लेबाजी की फैन फॉलोइंग जानते ही बनती है।

हालांकि, कम ही लोगों को पता होगा कि युवराज सिंह जब युवा थे तो बल्‍लेबाज बनना ही नहीं चाहते थे। जी हां, युवराज सिंह युवा उम्र में तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। पिछले साल इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्‍यास लेने वाले युवराज ने खुलासा किया कि करीब 12 साल की उम्र तक वह अपना करियर तेज गेंदबाज के रूप में बनाना चाहते थे। हालांकि, एक घटना से युवराज की मानसिकता में बदलाव आया और फिर वह धाकड़ बल्‍लेबाज बने।

ऐसा हुआ बल्‍लेबाज बनने का एहसास

युवराज सिंह ने याद किया कि युवा उम्र में शतक जमाने पर उन्‍हें अपनी बल्‍लेबाजी क्षमता का एहसास हुआ। बाएं हाथ के बल्‍लेबाज ने 90 रन तक पहुंचने के समय तक एक भी छक्‍का नहीं जमाया और फिर बाएं हाथ के स्पिनर की गेंद पर लंबे-लंबे छक्‍के जमाए, जिसने सभी को खूब प्रभावित किया। स्‍पोर्ट्सकीड़ा के साथ बात करते हुए युवराज ने कहा, 'मैं पालम में बिशन सिंह बेदी के कैंप में प्रैक्टिस करता था। मैं जब 11-12 साल का था तब तेज गेंदबाज था। मैं तब बल्‍लेबाज नहीं था। मुझे याद है कि छठें क्रम पर उतरकर मैंने शतक जमाया था। मैं जब 90 रन तक पहुंचा तब तक एक भी छक्‍का नहीं जमाया था। एक बाएं हाथ के स्पिनर मेरे ख्‍याल से अंगद बेदी था। मैंने उसकी गेंदों पर दो छक्‍के जड़े। 11-12 की उम्र में आपके पास इतनी ताकत नहीं होती है।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मैं बल्‍लेबाजी कर सकता हूं। मुझे लगता था कि मैं तेज गेंदबाज ऑलराउंडर बन सकता हूं, लेकिन पीठ के कारण मैंने स्पिन कराना शुरू की। मैंने अपना बल्‍ला तोड़ा, लेकिन मुझे खुशी हुई कि ऐसा हुआ क्‍योंकि इसके बिना मुझे एहसास नहीं होता कि मुझमें बल्‍लेबाजी की प्रतिभा है।'

युवराज का दमदार प्रदर्शन

युवराज सिंह दुनिया के सबसे धाकड़ बल्‍लेबाजों में से एक बने और अपने बल्‍ले से कई रिकॉर्ड्स तोड़े। उन्‍होंने 2011 विश्‍व कप में अहम भूमिका अदा करते हुए 15 विकेट चटकाए और 362 रन बनाए थे। युवी ने 40 टेस्‍ट, 304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले और क्रमश: 1900, 8701 और 1177 रन बनाए। उनकी सभी प्रारूपों में मिलाकर 148 विकेट चटकाए।

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