- श्रेयस अय्यर ने खेली 98 गेंद पर 92 रन की धमाकेदार पारी
- उनके आउट होते ही 252 रन पर खत्म हो गई टीम इंडिया की पारी
- बावजूद इसके अय्यर को नहीं है शतक पूरा नहीं कर पाने का अफसोस
बेंगलुरु: युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत इन दिनों टीम इंडिया के लिए हर फॉर्मेट में संकटमोचक बने नजर आ रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में धमाल मचाने के बाद अय्यर ने शनिवार को उनके ही खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में 98 गेंद में 92 रन की धमाकेदार पारी खेलकर टीम को मुश्किल ने उबारा। जब वो बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरे थे तब टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट 86 रन के स्कोर पर गंवा चुकी थी। ऐसे में उन्होंने और ऋषभ पंत ने दोनों छोर से आक्रमण करते हुए टीम को उबारा और 100 रन के पार पहुंचाया।
डिफेंसिव नहीं खेलने का सोचकर उतरा था मैदान पर
पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद अय्यर ने अपनी पारी और ऋषभ के साथ साझेदारी के बारे में कहा, जब मैं पवेलियन में था और देख रहा था कि हर ओवर में कुछ नाटकीय हो रहा है, तब मैंने सोचा कि मैं डिफेंड करते हुए अपना विकेट नहीं गंवाउंगा। क्योंकि रक्षात्मक तरीके से खेलते हुए विकेट गंवाने की संभावना अधिक थी। मेरे दिमाग में था कि मैं सकारात्मक सोच के साथ उतरूं और इसके बाद हमने इस तरह आक्रामक बल्लेबाजी करूं और पंत के साथ मिलकर वैसा ही किया।
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80 रन तक पहुंचने तक जेहन में नहीं आया था शतक
क्या एक और टेस्ट शतक जड़ने की योजना थी? इसके जवाब में श्रेयस ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो जबतक मैं 80 रन तक नहीं पहुंचा था तबतक मैंने शतक के बारे में कुछ भी नहीं सोचा था। दूसरे छोर पर जस्सी( जसप्रीत बुमराह) अच्छी तरह खेल रहा था, मुझे एक बार भी नहीं लगा कि मैं पांचवीं या छठी गेंद पर रन लूं। उस परिस्थिति में उन्होंने जो कैरेक्टर दिखाया वो शानदार था।
नहीं है शतक से चूकने का अफसोस
शतक पूरा नहीं कर पाने के बारे में श्रेयस ने कहा, ये खेल का हिस्सा है कई बार आप अच्छा करते हैं। आज का दिन मेरा नहीं था, मुझे शतक पूरा नहीं कर पाने का कोई अफसोस नहीं है। मैं पहले भी आउट हो सकता था लेकिन टीम को अच्छी स्थिति में ला पाया इस बात का मुझे संतोष है।
गेंद को स्पिन नहीं होने देने की थी योजना
मैं जब मैदान पर उतरा तब मेरा प्लान गेंद को स्पिन नहीं होने देने की थी, मैं ऑफ स्टंप से बाहर निकलर गेंद को खेल रहा था जिससे कि गेंद मिड विकेट के क्षेत्र में जाए और मैं आसानी से एक रन ले सकूं। मैं गेंदबाज के दिमाग से खेल रहा था जिससे कि उसकी लाइन और लेंथ बिगाड़ सकूं।
इस विकेट पर नकारात्मक सोच के साथ नहीं कर सकते हैं बल्लेबाजी
उन्होंने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने के बारे में कहा, जो खिलाड़ी डिफेंसिव खेल रहे थे उनके आउट होने की संभावना ज्यादा थी। गेंद टर्न हो रही थी और नीचे भी रह रही थी। पिच पर दोहरा उछाल था। आप इस विकेट पर नकारात्मक सोच के साथ नहीं खेल सकते हैं। जब आप मैदान पर उतरते हैं तो आपको सकारात्मक रुख से बल्लेबाजी करनी होगी। पिच गेंदबाजों के लिए मददगार है। मेरी मनोदशा ये थी कि मैं गेंद को वरीयता के आधार पर खेलूं।
नई गेंद दूधिया रोशनी में हो रही है सीम और स्विंग
पिच के बारे में अय्यर ने कहा, गेंद जब नई तो लाइट में स्विंग और सीम दोनों कर रही थी। हमने ड्रेसिंग रूप में भी इस बात पर चर्चा की थी कि नई गेंद स्विंग होगी और हमने मैच के पहले हाफ में भी ऐसा होते देखा था।