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IND vs SA: वांडरर्स क्यों कहलाता है घर के बाहर टीम इंड़िया का किला? 

Updated Jan 02, 2022 | 06:10 IST

Team India's Record at Wanderers in Test: भारतीय क्रिकेट टीम सोमवार से दक्षिण अफ्रीका के जिस मैदान पर दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरेगी उस मैदान को घर के बाहर टीम इंडिया का किला कहा जाता है। जानिए क्या है इसकी वजह?

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वांडरर्स में द.अफ्रीका के खिलाफ जीत का जश्न मनाती टीम इंडिया
मुख्य बातें
  • भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के वांडरर्स मैदान पर अब तक रही है अजेय
  • भारतीय टीम को इस मैदान पर मिली है 2 मैच में जीत
  • इस मुकाबले में जीत दर्ज करके पहली बार द. अफ्रीका में सीरीज अपने नाम करने का टीम इंडिया के पास है शानदार मौका

जोहान्सबर्ग: भारतीय क्रिकेट टीम मेजबान दक्षिण अफ्रीका को सेंचुरियन को उसके अभेद किले में पटखनी देकर सीरीज में 1-0 की शुरुआती बढ़त हासिल कर ली है। 3 जनवरी यानी सोमवार से दोनों टीमें जोहान्सबर्ग के वांडरर्स मैदान पर आमने-सामने होंगी। 

जोहान्सबर्ग में भारतीय टीम के लिए फतह हासिल करके पहली बार दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का शानदार मौका है। इस मैदान  पर भारतीय टीम ने आजतक एक भी टेस्ट नहीं गंवाया है। इसे घर के बाहर अगर टीम इंडिया का किला कहा जाता है। टीम इंडिया अबतक इस मैदान पर अजेय रही है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट क्रिकेट का 30 साल लंबा इतिहास है। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका में वांडरर्स एकलौता ऐसा मैदान है जहां भारतीय टीम ने अबतक कोई टेस्ट मैच नहीं गंवाया है। साथ ही इस मैदान पर भारतीय खिलाड़ियों ने बहुत सारी गौरव गाथाएं भी लिखी हैं।

ऐसा है वांडरर्स में टीम इंडिया का रिकॉर्ड 
भारतीय टीम ने वांडरर्स में अब तक कुल 5 टेस्ट मैच खेले हैं। जिनमें से उसे 2 में जीत मिली है जबकि 3 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। सेंचुरियन टेस्ट से पहले भारतीय टीम को इस मैदान पर पिछले दौरे पर खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में जीत मिली थी। उस मैच को विराट सेना ने 63 रन के अंतर से अपने नाम किया था। वहीं साल 2006 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने इस मैदान पर 123 रन के अंतर से अपनी पहली जीत हासिल की थी। 

1992 में ड्रॉ रहा था मुकाबला 
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहान्सबर्ग के वांडरर्स मैदान पर पहली बार भिड़ंत नवंबर 1992 में हुई थी। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने शानदार शतक जड़ा था। वहीं कुंबले ने कुल 8 विकेट झटके थे। भारतीय टीम को इस मैच की चौथी पारी में जीत के लिए 318 रन बनाने का लक्ष्य मिला था लेकिन टीम इंडिया 4 विकेट पर 141 रन अपनी पारी में बना सकी थी और मैच बराबरी पर समाप्त हुआ था। 

1997 में जीत से चूक गई थी टीम इंडिया 
1997 में इस मैदान पर खेले गए मैच में राहुल द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर का शतक(148) जड़ा था। इस मैच की दूसरी पारी में भी द्रविड़ ने 81 रन बनाए थे। मैच में भारतीय टीम जीत के करीब पहुंच गई थी लेकिन बारिश और खराब रोशनी ने जीत के लिए चौथी पारी में 356 रन का पीछा कर रही द. अफ्रीकी टीम को हार से बचा लिया था। मैच जब रोका गया तब मेजबान टीम ने 228 रन पर 8 विकेट गंवा दिए थे। राहुल द्रविड़ मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।

2006 में खाते में आई थी पहली जीत
वांडरर्स के मैदान पर टीम इंडिया को पहली जीत 2006 में एस श्रीसंत और जहीर खान ने अपनी कहर बरपाती गेंदबाजी के दम पर दिलाई थी। उस मैच में भारतीय टीम ने पहली पारी में 249 रन बनाने के बाद द. अफ्रीका को पहली पारी में 84 रन पर ढेर कर दिया था। जीत के लिए  मेजबान द. अफ्रीका को 402 रन की लक्ष्य मिला था जिसे हासिल करने की कोशिश में वो दूसरी पारी में 278 रन पर ढेर हो गई थी। मैच में श्रीसंथ ने 8 और जहीर ने 5 विकेट लिए थे। श्रीसंथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। 

2013 में बराबरी पर खत्म हुआ था मुकाबला
दक्षिण अफ्रीका की धरती पर पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए विराट कोहली ने पहला शतक जड़ा था। पहली पारी में विराट ने की 119 रन की पारी की बदौलत भारत ने 280 रन का स्कोर खड़ा किया था। जिसके जवाब में द. अफ्रीकी टीम पहली पारी में 244 रन बनाकर ढेर हो गई थी। दूसरी पारी में भारत ने पुजारा की 153 और विराट की 96 रन की पारी की बदौलत 421 रन बनाए। लेकिन मेजबान टीम ने जीत के लिए 458 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 7 विकेट खोकर 450 रन बना लिए थे और मैच ड्रॉ रहा था। विराट को इस मैन ऑफ द मैच चुना गया था।

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