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Jhulan Goswami retirement: झूलन गोस्‍वामी को लॉर्ड्स पर इंग्‍लैंड टीम ने खास भेंट के साथ दी शाही विदाई

Updated Sep 25, 2022 | 12:35 IST

Jhulan Goswami retirement: झूलन गोस्‍वामी को संन्‍यास लेने इंग्‍लैंड ने एक साइन जर्सी गिफ्ट की है। गोस्‍वामी ने अपने आखिरी अंतरराष्‍ट्रीय मैच में 30 रन देकर दो विकेट लिए।

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ईसीबी ने साइन की हुई जर्सी झूलन गोस्‍वामी को भेंट की
मुख्य बातें
  • झूलन गोस्‍वामी ने इंग्‍लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में 30 रन देकर दो विकेट लिए
  • गोस्‍वामी का विदाई मैच दीप्ति शर्मा के रन आउट के कारण विवादित बन गया
  • भारतीय टीम ने इंग्‍लैंड का 3-0 से क्‍लीन स्‍वीप किया

लंदन: भारत की अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्‍वामी को इंग्‍लैंड एंड वेल्‍स क्रिकेट बोर्ड ने ऐतिहासिक लॉर्ड्स पर संन्‍यास लेने के लिए साइन जर्सी भेंट देकर सम्‍मानित किया। ईसीबी के अंतरिम प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर क्‍लेयर कोनर व इंग्‍लैंड महिला क्रिकेट टीम की हेड कोच लिसा केटली ने तीसरे व आखिरी वनडे से पहले झूलन गोस्‍वामी को शर्ट भेंट की थी।

झूलन गोस्‍वामी ने इंग्‍लैंड के खिलाफ तीसरे व अंतिम वनडे में 10 ओवर में 30 रन देकर दो विकेट लिए। इस मैच में दीप्ति शर्मा ने चार्ली डीन को रन आउट करके भारत को लो स्‍कोरिंग मैच में 16 रन की जीत दिलाई। हरमनप्रीत कौर के नेतृत्‍व वाली भारतीय महिला टीम ने इंग्‍लैंड का तीन वनडे मैचों की सीरीज में 3-0 से क्‍लीन स्‍वीप किया। याद दिला दें कि झूलन गोस्‍वामी ने 2002 में भारत के लिए डेब्‍यू किया था। उन्‍होंने अपना करियर 204 मैचों में 255 वनडे विकेट लेकर किया।

39 साल की गोस्‍वामी को मैच के दौरान भारत और इंग्‍लैंड दोनों टीमों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। गोस्‍वामी ने अपनी टीम के साथियों के साथ भारत की जीत के बाद मैदान का चक्‍कर लगाया। दिग्‍गज तेज गेंदबाज को मैच से पहले विशेष मेमेंटो दिया गया। हरमनप्रीत कौर टॉस के लिए झूलन गोस्‍वामी को साथ लेकर आईं। गोस्‍वामी ने विदाई मैच से पहले कहा, 'मैंने दो वर्ल्‍ड कप फाइनल खेले, लेकिन ट्रॉफी नहीं जीत पाई। यह मुझे एकमात्र मलाल है क्‍योंकि आप चार साल तक विश्‍व कप की तैयारी करते हैं।'

गोस्‍वामी ने आगे कहा, 'काफी कड़ी मेहनत करनी होती है। प्रत्‍येक क्रिकेटर का सपना विश्‍व कप जीतने का होता है। मेरा सर्वश्रेष्‍ठ पल था जब भारत की कैप मिली और पहला ओवर डाला क्‍योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि भारत के लिए खेल पाऊंगी। यात्रा कठिन थी क्‍योंकि मुझे लोकल ट्रेन से ढाई घंटे की दूरी पर जाना होता था। 1997 में ईडन गार्डन्‍स पर मैं बॉल ब्‍वॉय थी जब मैंने पहला महिला विश्‍व कप फाइनल देखा था। तब से मेरा सपना था कि भारत का प्रतिनिधित्‍व करना है।'

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