- कोरोना संकट के बीच पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को नहीं मिल रहा है स्पॉन्सर
- पिछले स्पॉन्सर के साथ टूट गई पीसीबी की 20 साल पुरानी साझेदारी
- एक कंपनी ने दिखाई थी रुचि लेकिन वापस खींच लिए अपने हाथ
लाहौर: सालों से वित्तीय संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कोरोना वायरस के कहर ने स्थिति और भी ज्यादा खराब कर दी है। कोविड-19 महामारी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को वित्तीय स्तर पर काफी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में कोरोना के कहर के बीच इंग्लैंड दौरे के आगाज से पहले एक और बुरी खबर है कि उसे अपनी सीनियर पुरुष टीम के लिए अभी तक कोई स्पांसर नहीं मिला है।
मार्च में खत्म हुआ था पिछले स्पॉन्सर के साथ करार
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च में पिछला करार खत्म होने के बाद से पीसीबी को अभी तक कोई नया स्पांसर नहीं मिला है। शीतल पेय बनाने वाली पिछली स्पॉनसर कंपनी ने करार को बढ़ाने में रुचि नहीं दिखाई। इसके साथ ही पूर्व स्पॉन्सर कंपनी की पाकिस्तानी टीम के साथ दो दशक पुरानी साझेदारी खत्म हो गई। मौजूदा स्थिति को देखते हुए हो सकता है कि बोर्ड को तीन साल के करार के बजाए एक साल का करार ही करना पड़े। पिछले सप्ताह केवल एक कंपनी ने स्पांसरशिप करार के लिए रुचि दिखाई थी, लेकिन वह भी पिछले करार की महज 30 फीसदी रकम के साथ।
पिछली बार मिले थी मोटी रकम
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछली बार स्पॉन्सरशिप अनुबंध के एवज में पीसीबी को 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे। वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण कंपनियों को स्पॉन्सरशिप को लेकर प्रतिक्रिया भी अच्छी नहीं है। ऐसे में पीसीबी को एक साल के लिए महज 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर में स्पॉन्सरशिप डील साइन करनी पड़ सकती है। इंग्लैंड दौरे के बाद एक साल के अंतराल में पाकिस्तान को न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाना है। इसके अलावा घर पर जिंबाब्वे की मेजबानी करनी है।
पीसीबी को कोरोना के कहर के बीच ही मीडिया राइट्स और टाइटल स्पॉन्सर के लिए भी डील साइन करनी है। ऐसे में यह पीसीबी की मार्केंटिंग टीम की क्षमता की परीक्षा होगी कि वो प्रसारणकर्ता के साथ सही तरह से मोलभाव करके पाकिस्तानी टीम के लिए स्पॉन्सरशिप हासिल कर सके।
इस समय पाकिस्तान टीम इंग्लैंड में है जहां उसे तीन मैचों की टेस्ट सीरीज और इतने ही मैचों टी-20 सीरीज खेलनी है। इस दौरान वह पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी फाउंडेशन का लोगो अपने किट पर लगाएगी।