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सौरव गांगुली या एमएस धोनी नहीं, इस कप्‍तान के लिए अपनी जान दे सकते हैं इरफान पठान

Updated May 31, 2020 | 17:35 IST

Irfan Pathan on Rahul Dravid: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर पठान ने बताया कि 2007 वर्ल्‍ड कप में बाहर होने के बाद कैसे राहुल द्रविड़ के शब्‍दों ने उन्‍हें व एमएस धोनी को दोबारा जिंदा कर दिया था।

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इरफान पठान
मुख्य बातें
  • इरफान पठान ने 2007 वर्ल्‍ड कप से बाहर होने के बाद का किस्‍सा बताया
  • पठान ने कहा कि कप्‍तान द्रविड़ ने उन्‍हें व धोनी को बहुत प्रोत्‍साहित किया
  • पठान ने बताया कि हार के तीन दिन बाद द्रविड़ उन्‍हें और धोनी को 300 फिल्‍म दिखाने ले गए थे

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने राहुल द्रविड़ को अपना पसंदीदा कप्‍तान करार दिया है। पठान ने साथ ही कहा कि वह पूर्व कप्‍तान राहुल द्रविड़ के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। इरफान ने 2003 में सौरव गांगुली के नेतृत्‍व में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था। मगर 2004 से 2007 के बीच 11 टेस्‍ट और 38 वनडे में उनके कप्‍तान राहुल द्रविड़ थे। वेस्‍टइंडीज में 2007 विश्‍व कप में इरफान पठान ने द्रविड़ के नेतृत्‍व में ही भारतीय टीम का प्रतिनिधित्‍व किया था।

पठान ने कहा कि द्रविड़ की आदत है कि वह खिलाड़‍ियों से बातचीत करते हैं और खिलाड़‍ियों के लिए चीजें आसान बना देते हैं। 2007 में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी लचर रहा था। बांग्‍लादेश और श्रीलंका से हारकर भारतीय टीम ग्रुप स्‍टेज में ही बाहर हो गई थी। इस साल की शुरुआत में संन्‍यास लेने वाले पठान ने बताया कि द्रविड़ की कप्‍तानी में उन्‍होंने हर पल का आनंद उठाया।

द्रविड़ की कप्‍तानी के बारे में कोई बात नहीं करता: पठान

इरफान पठान ने इंस्‍टाग्राम लाइव पर कहा, 'बहुत लोग जानते हैं कि सौरव गांगुली मेरे पहले कप्‍तान थे और उन्‍होंने मेरा काफी समर्थन किया। अनिल कुंबले भी ज्‍यादा समय तक कप्‍तानी कर सकते थे। एमएस धोनी ने सबकुछ हासिल किया। मगर मुझे राहुल द्रविड़ के नेतृत्‍व में खेलने में मजा आता था क्‍योंकि उनके रहते टीम में बराबर संवाद होता था।'

जब टीम इंडिया विश्‍व कप से बाहर हुई तो शांत स्‍वभाव के लिए पहचाने जाने वाले द्रविड़ ने खिलाड़‍ियों का हौसला बढ़ाने की ठानी। उस पल को याद करते हुए पठान ने कहा कि द्रविड़ उन्‍हें और युवा एमएस धोनी व अन्‍य टीम साथियों को फिल्‍म दिखाने के लिए लेकर गए थे। पठान ने कहा, 'अधिकतर लोग द्रविड़ की कप्‍तानी की बात नहीं करते हैं। हमने उनके नेतृत्‍व में लक्ष्‍य का पीछा करते हुए वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनाए। 2007 वर्ल्‍ड कप से बाहर होने के तीन दिन बाद वह सब एक कमरे में हताश बैठे थे। तब द्रविड़ ने हम सभी को बुलाया और हम लोग 300 फिल्‍म देखने गए।'

द्रविड़ के शब्‍दों ने जिंदा किया

उन पलों को याद करते हुए इरफान पठान ने कहा कि द्रविड़ ने उन्‍हें व धोनी को राष्‍ट्रीय टीम में सफल करियर के लिए प्रोत्‍साहित किया। इरफान पठान के मुताबिक प्रोत्‍साहन से उन्‍हें नई जिंदगी मिली। ऑलराउंडर ने बताया कि कैसे द्रविड़ ने उन्‍हें दुख से उबरने में मदद की। पठान ने कहा, 'कुछ समय बाद द्रविड़ मेरे पास आए और बोले- इरफान अभी दुनिया खत्‍म नहीं हुई है। तुमने काफी क्रिकेट खेली और भविष्‍य में भी खेलोगे। खराब था कि हम हारे। तुमको और धोनी को आगे जाकर भारत के लिए काफी क्रिकेट खेलनी है। उनके शब्‍दों से हमें महसूस हुआ कि हम मरें नहीं है और जिंदा हैं।'

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