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पढ़ा-लिखा होने के बावजूद भारतीय दिव्‍यांग क्रिकेट टीम का पूर्व कप्‍तान मजदूरी करने को हुआ मजबूर

Updated Jul 27, 2020 | 12:58 IST

Rajendra Singh Dhami: राजेंद्र सिंह धामी ने बीएड किया है और इतिहास में मास्‍टर्स डिग्री ले रखी है। पूर्व कप्‍तान अब परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं।

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राजेंद्र सिंह धमी
मुख्य बातें
  • भारतीय दिव्‍यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान राजेंद्र सिंह धामी को मजदूरी करना पड़ रही है
  • धामी करीब 19 विशेष दिव्‍यांग युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं
  • धामी को राज्‍य सरकार से कोई मदद नहीं मिली जबकि उन्‍होंने अपनी टीम का निर्माण खुद किया

पिथौड़ागड़: भारतीय व्‍हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान और उत्‍तराखंड के मौजूदा कप्‍तान राजेंद्र सिंह धामी (30) को परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करना पड़ रही है। राजेंद्र जिन बच्‍चों को कोचिंग दे रहे थे, वह पिछले कुछ समय से नहीं आ रहे हैं। इन बच्‍चों के अभिभावकों का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं है। धामी जब 3 साल के थे तब उन्‍हें पैरालिसिस हुआ और उनका 90 प्रतिशत शरीर दिव्‍यांग हो गया।

राजेंद्र सिंह धामी ने क्रिकेट के मैदान पर शानदार प्रदर्शन के लिए कई अवॉर्ड्स जीते। उन्‍होंने इतिहास में मास्‍टर्स डिग्री और बीएड भी किया है। मगर इतने पढ़े-लिखे होने और देश का प्रतिनिधित्‍व करने वाले खिलाड़ी के पास कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान कमाई का कोई जरिया नहीं है। मलेशिया, बांग्‍लादेश और नेपाल जैसे देशों का दौरा कर चुके धामी ने कहा, 'मजदूरी करने से पहले मैं रुद्रपुर में व्‍हीलचेयर वाले बच्‍चों को क्रिकेट की कोचिंग दे रहा था। मगर उसमें रुकावट आ गई। मुझे अपने गांव पिथौड़ागड़ के रायकोट में लौटना पड़ा, जहां मेरे माता-पिता रहते हैं।'

धामी ने बताया कि लॉकडाउन में कुछ महीने बीत जाने के बाद रोजमर्रा की चीजें खरीदने में दिक्‍कत आ रही थी। उत्‍तराखंड के कप्‍तान ने कहा, 'मेरे माता-पिता उम्रदराज हैं। मेरी एक बहन और भाई भी हैं। मेरा भाई गुजरात के एक होटल में काम करता था, लेकिन लॉकडाउन में उसकी नौकरी भी चली गई। इसलिए मैंने अपने गांव में मनरेगा स्‍कीम के तहत काम करने का फैसला किया।'

बॉलीवुड एक्‍टर से मिली मदद

यह पूछने पर कि किसी ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए तो 2017 में भारतीय व्‍हीलचेयर क्रिकेट सीरीज में नेतृत्‍व करने वाले धामी ने कहा, 'कुछ लोग मदद के लिए आगे आए, जिसमें बॉलीवुड एक्‍टर सोनू सूद भी शामिल हैं। सोनू ने मुझे 11,000 रुपए भेजे। रुद्रपुर और पिथौड़ागड़ में भी लोग हैं, जिन्‍होंने मेरी मदद की।' उन्‍होंने मुस्‍कुराते हुए कहा, 'कमाई करने के लिए किसी प्रकार की नौकरी करने में कोई दिक्‍कत नहीं है। मैंने मनरेगा जॉब इसलिए लिया क्‍योंकि मुझे घर के पास काम करने को मिला। यह मुश्किल समय है, लेकिन मैं जानता हूं कि इससे उबर जाउंगा।'

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