- राजवर्धन हंगरगेकर ने अपनी तेज रफ्तार गेंदों से अंडर-19 विश्व कप 2022 में मचाया धमाल
- हंगरगेकर ने किफायती गेंदबाजी करते हुए हासिल किए थे 5 विकेट
- अपने बल्ले से भी उन्होंने मचाया था धमाल, लंबे-लबे छक्के जड़ने की है काबीलियत
बेंगलुरु: अंडर-19 विश्व कप का हाल ही में खिताब जीतने वाली यश धुल की कप्तानी वाली टीम में तेज गेंदबाजी का भार महाराष्ट्र के युवा खिलाड़ी राजवर्धन हंगरगेकर के कंधों पर था। हंगरगेकर ने रवि कुमार के साथ मिलकर भारतीय टीम को पूरे विश्व कप अभियान के दौरान अच्छी शुरुआत दिलाई। हंगरगेकर ने अपनी तेज रफ्तार गेंदों के दम पर विरोधी टीम के खिलाड़ियों को खुल कर रन नहीं बनाने दिए और टीम इंडिया अंतत: खिताबी जीत हासिल करने में सफल रही।
अंडर-19 विश्व कप के दौरान अपनी तेज रफ्तार गेंदों से सबको चौकाने वाले राजवर्धन हंगरगेकर को शानदार गेंदबाजी का ईनाम मिला है। 30 लाख रुपये के बेस प्राइज के साथ नीलामी में उतरे हंगरगेकर पर एमएस धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने भरोसा जताया और 1.5 करोड़ रुपये यानी पांच गुनी कीमत पर उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है।
विश्व कप में टीम के लिए की किफायती गेंदबाजी
हंगरगेकर के लिए अंडर-19 विश्व कप में प्रदर्शन मिला जुला रहा। टूर्नामेंट में वो केवल 5 विकेट हासिल कर सके। भले ही उनके हाथ ज्यादा सफलता नहीं लगी लेकिन वो पूरे टूर्नामेंट के दौरान किफायती नजर आए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8 रन देकर 2 विकेट रहा जो उन्होंने युगांडा के खिलाफ किया। टूर्नामेंट में वो सबसे ज्यादा महंगे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रहे। इस मैच में उन्होंने 38 रन खर्च किए।
लंबे शॉट्स खेलने की भी है क्षमता
हंगरगेकर तेज गेंदबाजी तो करते ही हैं उनके पास बड़े-बड़े शॉट्स खेलने की भी क्षमता है। विश्व कप के दौरान आयरलैंड के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 17 गेंद में नाबाद 39* रन की पारी खेली थी। इस दौरान उन्होंने 1 चौका और 5 छक्के जड़े थे।
राजवर्धन हंगरगेकर का जन्म महाराष्ट्र उस्मानाबाद जिले के के छोटे से कस्बे तुलजापुर में हुआ था। जब राजवर्धन हंगरगेकर 14 साल के थे तब उन्होंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी छोड़कर तेज गेंदबाजी की शुरुआत की। उस्मानाबाद जिले के लिए खेलते हुए किए शानदार प्रदर्शन के बल पर उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी के लिए महाराष्ट्र की अंडर-16 टीम में चुना गया था।
अंडर-16 टीम के लिए जब वो खेल रहे थे उस दौरान उनकी क्षमता से टीम के कोच से ज्यादा कंडिशनिंग कोच तेजस मातापुरकर प्रभावित हुए थे। वो उसे 'स्टैलियन' कहकर पुकारते थे। उन्होंने राजवर्धन के एक क्रिकेटर के रूप में गढ़ने में अहम भूमिका निभाई। उनकी वजह से वो तुलजापुर से पुणे पहुंचे और वहां रुतुराज गायकवाड़ के कोच मोहन जाधव से प्रशिक्षण हासिल किया।
महाराष्ट्र के लिए खेल चुके हैं लिस्ट ए और टी20 क्रिकेट
अंडर-19 विश्व कप में खेलने से पहले वो महाराष्ट्र की टीम में जगह हासिल कर चुके थे। वो महाराष्ट्र के लिए 5 लिस्ट ए और 2 टी20 मैच खेल चुके हैं। महाराष्ट्र के लिए उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में 10 विकेट अपने नाम किए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 42 रन देकर 4 विकेट रहा है।