- सचिन तेंदुलकर के विदाई भाषण पर दुनियाभर के क्रिकेट फैंस अपने आंसू नहीं रोक पाए थे
- कैरेबियाई खिलाड़ी ने बताया कि क्रिस गेल सहित पूरी टीम की आंखें गीली थीं
- सचिन तेंदुलकर ने अपनी आखिरी अंतरराष्ट्रीय पारी में 74 रन बनाए थे
मुंबई: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच दुनियाभर के क्रिकेट फैंस के लिए बहुत भावुक पल था। 'क्रिकेट के भगवान' माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2013 में भारत के लिए अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद संन्यास लेने का फैसला किया था। तेंदुलकर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेला था। भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए इस मुकाबले में तेंदुलकर ने अपनी आखिरी पारी में 74 रन बनाए थे। जब वह बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आ रहे थे तब दोनों अंपायर्स और वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने तेंदुलकर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
यह सचिन तेंदुलकर के पेशेवर करियर की आखिरी पारी रही। मास्टर ब्लास्टर को दूसरी पारी में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला क्योंकि भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को एक पारी व 126 रन के विशाल अंतर से मात दी। मोहम्मद शमी ने कैरेबियाई बल्लेबाज को जैसे ही आउट करके भारत की जीत पर मुहर लगाई, तेंदुलकर के संन्यास का वो पल आखिरकार गया। मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था, जिसके सामने तेंदुलकर ने अपना विदाई भाषण दिया। यह सुनकर क्रिकेट फैंस की आंखें गीली हो गई थीं।
गेल भी खूब रोए
आंखें सिर्फ क्रिकेट फैंस ही नहीं बल्कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की भी हो चुकी थीं। कैरेबियाई खिलाड़ी भी तेंदुलकर का विदाई भाषण सुनते समय अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कर्क एडवर्ड्स ने खुलासा किया कि जब सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से विदाई ले रहे थे तब वह क्रिस गेल के साथ खड़े थे और गेल-एडवर्ड्स की आंखें गीली थीं।
एडवर्ड्स ने क्रिकट्रेकर से कहा, 'सचिन तेंदुलकर के 200वें टेस्ट में मैं वहीं था। वो पल मेरे लिए भी काफी भावुक था। मैंने अपने सनग्लास पहन रखे थे और मैं क्रिस गेल के पास खड़ा था। हम दोनों ही रो रहे थे। हम दोनों की कोशिश थी कि अपने आंसू गिरने नहीं दें। वो बहुत भावुक पल था। हमारे दिल को छू लेने वाला पल। आपको पता था कि अब इस व्यक्ति को दोबारा क्रिकेट मैदान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्लेबाजी करते नहीं देख पाओगे।'
तेंदुलकर का करियर
सचिन तेंदुलकर ने अपना करियर टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन व सर्वाधिक शतक जमाने वाले बल्लेबाज के रूप में किया। वह दुनिया के एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 200 टेस्ट खेले व 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जमाए। मास्टर ब्लास्टर ने टेस्ट क्रिकेट में 329 पारियों में 53.78 की औसत व 51 शतक और 68 अर्धशतकों की मदद से 15,291 रन बनाए। वनडे में तेंदुलकर ने 463 मैचों में 44.38 की औसत से 18,426 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतक जमाए।