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श्रेयस अय्यर ने बताया भारत ने क्यों देरी से घोषित की पारी, द्रविड़ ने उन्हें दी थी क्या सलाह

Updated Nov 28, 2021 | 20:01 IST

श्रेयस अय्यर ने कानपुर टेस्ट के चौथे दिन के खेल के बाद किया खुलासा टीम मैनेजमेंट ने क्यों लिया देरी से पारी की घोषणा का निर्णय?

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तस्वीर साभार:&nbspAP
श्रेयस अय्यर
मुख्य बातें
  • श्रेयस अय्यर ने मुश्किल परिस्थिति में खेली 65 रन की पारी
  • भारत ने दूसरी पारी 51 रन पर 5 विकेट से उबरते हुए 234 रन पर 7 विकेट पर घोषित
  • जीत के लिए 284 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए

कानपुर: भारतीय टीम ने कानपुर टेस्ट के चौथे दिन मुश्किल से उबरते हुए 7 विकेट 234 रन पर अपनी दूसरी पारी घोषित और न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए चौथी पारी में जीत के लिए 284 रन का लक्ष्य रखा। क्रिकेट विशेषज्ञों की राय में टीम इंडिया ने देरी से पारी घोषित की। ऐसे में दूसरी पारी में मुश्किल स्थिति में अर्धशतक जड़कर टीम को उबारने वाले बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने मैच के बाद बताया कि क्यों पारी की घोषणा करने में देरी की गई। 

अय्यर ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो विकेट पर ज्यादा मूवमेंट नहीं हो रहा था। हमें एक प्रतिस्पर्धी स्कोर की जरूरत थी, शायद 275 से 280 रन के करीब स्कोर की। बात प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने की चल रही थी और मुझे लगता है कि यह सचमुच अच्छा स्कोर है। हमारे पास बेहतरीन स्पिनर हैं इसलिये उम्मीद है कि हम कल काम पूरा कर सकते हैं। हमारे पास ‘स्पिन पावर’ है।'

टीम इंडिया के स्पिन आक्रमण पर भरोसा जताते हुए अय्यर ने कहा, हमें हमारे स्पिनरों पर भरोसा रखना होगा और हम जानते हैं कि वे उन्हें अंतिम दिन दबाव में रख सकते हैं।'

पर्याप्त है जीत के लिए 250 रन से ज्यादा का स्कोर
जीत के लिए पर्याप्त स्कोर खड़ा करने के सवाल पर अय्यर ने कहा, 'मुझे लगता है कि 250 से ज्यादा की बढ़त इस विकेट पर काफी रहती। भाग्यशाली रहे कि हमें इससे ज्यादा बढ़त मिल गयी।'

रणजी ट्रॉफी में भी हो चुका है ऐसी स्थिति का सामना
भारतीय टीम ने 51 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में मुश्किल परिस्थिति में शानदार पारी खेलने के सवाल पर अय्यर ने कहा कि उन्हें सात साल पहले इसी मैदान पर उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के ‘करो या मरो’ के मुकाबले में ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। उन्होंने उस समय भी टीम को मुश्किल से बाहर निकाला था। अय्यर ने कहा, 'मैं पहले भी इन परिस्थितियों में रह चुका हूं लेकिन भारतीय टीम के साथ नहीं। मैं रणजी के मैचों में ऐसा किया करता था। इसमें सत्र दर सत्र खेलने का विचार था। मैं ज्यादा आगे की नहीं सोच रहा था और हर गेंद को प्रायोरिटी के आधार पर खेल रहा था। 

पहली पारी में शतक और दूसरे में अर्धशतक है गर्व करने वाली उपलब्धि
डेब्यू टेस्ट में शतक और अर्धशतक जड़ने वाले पहले भारतीय बनने के सवाल पर अय्यर ने कहा, मैं जब पवेलियन वापस लौटा तो मैंने अपने साथी खिलाड़ी से पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा करने वाला पहला भारतीय हूं। कई और खिलाड़ियों ने ऐसा किया है लेकिन वो दूसरी टीमों के हैं। ये एक उपलब्धि है जिसपर मैं खुशी जाहिर कर सकता हूं। लेकिन अंत में हमें मैच जीतना है और मेरे लिये सबसे अहम चीज यही है।

राहुल सर ने दी थी बल्लेबाजी से पहले ये सलाह
सामान्य तौर पर एक आक्रामक खिलाड़ी होना और ऐसी स्थिति में खुद पर कैसे संयम रखा, तो इसके जवाब में श्रेयस ने कहा, ऐसा करना वाकई में मुश्किल था लेकिन राहुल सर ने मुझसे कहा था कि मुझे जहां तक संभव हो, तब तक क्रीज पर रहकर स्कोर बढ़ाने की जरूरत होगी। तभी हम अच्छे स्कोर तक पहुंच सकेंगे। मैंने निर्णय किया कि जितनी गेंद खेलना संभव होगा मैं खेलूंगा। मुझे लगता है कि लीड सहित इस विकेट पर 250 रन पर्याप्त हैं। 

न्यूजीलैंड ने लक्ष्य का पीछा करते हुए गंवा दिया है एक विकेट 
284 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड ने 4 ओवर में 4 रन पर एक विकेट गंवा दिया है। जीत के लिए न्यूजीलैंड को 280 रन पांचवें दिन बनाने हैं। भारत में किसी मेहमान टीम ने चौथी पारी में आजतक इतने बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं किया है। साल 1987 में वेस्टइंडीज ने भारत में चौथी पारी में 5 विकेट पर 276 रन के लक्ष्य को हासिल किया था। उसके बाद और कोई टीम ऐसा नहीं कर सकी है। 

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