- आईपीएल 2021 के फाइनल के बाद राहुल द्रविड़ हुए थे टीम इंडिया का हेड कोच बनने के लिए राजी
- सौरव गांगुली और जय शाह ने राहुल को मनाने के लिए महीनों की मेहनत
- एक समय दोनों पूरी तरह छोड़ दी थी राहुल के मानने की आस, इसके बाद उन्हें नियुक्त कर दिया एनसीए चीफ
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से पहले टीम इंडिया के मुख्य कोच का पद संभाला है। लेकिन राहुल द्रविड़ कोच बनने के लिए मनाने का काम बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खुद किया था। हर किसी को मालूम है कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के मुखिया के रूप में काम कर रहे द्रविड़ को मनाने का काम कतई आसान नहीं था।
ऐसे में सौरव गांगुली ने अब खुलासा किया है कि उन्होंने राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का हेड कोच बनने के लिए कैसे मनाया। गांगुली ने बताया कि एक वक्त तो ऐसा भी आ गया था जब उन्होंने और सचिव जय शाह ने राहुल के राजी होने की आस छोड़ दी थी। लेकिन अचानक से द्रविड़ मान गए। गांगुली ने द्रविड़ के कोच बनने की कहानी का खुलासा शो 'बैकस्टेज विथ बोरिया' में किया है।
ज्यादा दिन घर से दूर नहीं रहना चाहते थे द्रविड़
गांगुली ने बताया कि लंबे समय तक उनके साथी खिलाड़ी रहे राहुल द्रविड़ हेड कोच बनने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उनके बच्चे अभी छोटे हैं और वो लंबे समय तक घर से दूर रहने वाली जिम्मेदारी अपने कंधों पर नहीं लेना चाहते थे।
गांगुली ने कहा, राहुल का नाम मेरे और जयशाह के दिमाग में लंबे समय से था। लेकिन राहुल थे कि इसके लिए वो तैयार ही नहीं हो रहे थे उनका मानना था कि राष्ट्रीय टीम के कोच होने का मतलब साल में 8 से 9 महीने घर से दूर रहना। वो भी तब जब उनके दो छोटे बच्चे हैं।
छोड़ दी थी द्रविड़ के राजी होने की आस
बीसीसीआई अध्यक्ष ने आगे कहा, एक वक्त तो ऐसा आया जब हमने उनके हेड कोच बनने के लिए राजी होने की पूरी तरह छोड़ दी थी और उन्हें एनसीए( राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) का मुखिया नियुक्त कर दिया। जिससे कि वो वहां की चीजों को आगे ले जाएं और एनसीए को आगे बढ़ाएं। हमने उनका इंटरव्यू कर लिया और उन्हें एनसीए का निदेशक नियुक्त कर दिया लेकिन उसके बाद भी हम उनसे टीम इंडिया का हेड कोच बनने का अनुरोध लगातार करते रहे।
टीम के खिलाड़ी भी चाहते थे द्रविड़ बनें कोच
राहुल द्रविड़ अंत में सौरव गांगुली द्वारा व्यक्तिगत तौर पर द्रविड़ से कई बार चर्चा की और उन्हें ये बताया कि टीम के खिलाड़ी भी ऐसा चाहते हैं तब कहीं द्रविड़ ने हामी भरी। गांगुली ने कहा, जब हमने खिलाड़ियों से इस बारे में बात की कि वो किस तरह के व्यक्ति को कोच के रूप में चाहते हैं तो उनका रुझान राहुल के प्रति दिखा। जब ये बात उन्हें बताई गई और मैंने कई बार उनसे व्यक्तिगत तौर पर इस बारे में चर्चा की और यह कहा, मैं जानता हूं कि ये मुश्किल है लेकिन दो साल कोशिश करो। इसके बाद भी आपको मुश्किल लगा तो हम और कोई रास्ता ढूंढेंगे।
नहीं पता किस बात पर बदला उनका मन
गांगुली ने आगे कहा, सौभाग्य से वो मान गए, मुझे नहीं मालूम कि कौन सी बात ने उनके निर्णय बदलने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन उसके बाद मुझे लगा कि रवि शास्त्री के जाने के बाद बीसीसीआई अपनी ओर से कोचिंग के लिहाज से इससे बेहतर और कुछ नहीं कर सकता था।
शास्त्री के कार्यकाल की गांगुली ने की सराहना
टी20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री का बतौर कोच कार्यकाल समाप्त हो गया और राहुल द्रविड़ ने न्यूजीलैंड के भारत दौरे के साथ ही जिम्मेदारी संभाल ली। गांगुली ने रवि शास्त्री के कोच के रूप में कार्यकाल की सराहना की। भले ही शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया कोई आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकी। लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत की प्रशंसा की।
गांगुली ने कहा, मुझे लगता है कि रवि शास्त्री ने बेहद शानदार तरीके से लंबे समय तक यह जिम्मेदारी संभाली। लोग ये कह सकते हैं कि हमने विश्व खिताब अपने नाम नहीं किए लेकिन इसके अलावा आप देखें तो हमने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेली गई द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया।