लाइव टीवी

सौरव गांगुली ने किया खुलासा, आखिर क्‍यों सचिन तेंदुलकर कभी पहली गेंद पर स्‍ट्राइक नहीं लेते थे?

Updated Jul 06, 2020 | 15:16 IST

Sourav Ganguly on Sachin Tendulkar: पूर्व भारतीय कप्‍तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्‍यक्ष सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि आखिर क्‍यों सचिन तेंदुलकर कभी स्‍ट्राइक लेना पसंद नहीं करते थे।

Loading ...
सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली
मुख्य बातें
  • सौरव गांगुली का हाल ही में मयंक अग्रवाल ने इंटरव्‍यू किया
  • गांगुली ने बताया कि आखिर क्‍यों तेंदुलकर कभी स्‍ट्राइक लेना पसंद नहीं करते थे
  • गांगुली और तेंदुलकर की जोड़ी वनडे इतिहास की सर्वश्रेष्‍ठ ओपनिंग जोड़ी में से एक मानी जाती है

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्‍यक्ष सौरव गांगुली ने खुलासा किया है कि आखिर सचिन तेंदुलकर कभी स्‍ट्राइक लेना पसंद नहीं करते थे। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली वनडे इतिहास की सर्वश्रेष्‍ठ ओपनिंग जोड़ी में से एक माने जाते हैं और दोनों ने मिलकर भारत के लिए कई मैच विजयी साझेदारियां की हैं। सौरव गांगुली का इंटरव्‍यू भारतीय युवा बल्‍लेबाज मयंक अग्रवाल कर रहे थे। बीसीसीआई के वीडियो में बात करते हुए गांगुली ने सचिन के साथ ओपनिंग जोड़ी के बारे में खुलकर बातचीत की।

बता दें कि सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली वनडे इतिहास में 9वीं सबसे शानदार ओपनिंग जोड़ी के रूप में काबि‍ज हैं। दोनों ने 71 मैचों में 61.36 की औसत रखते हुए 12 शतकों व 16 अर्धशतकीय साझेदारियां करते हुए 4173 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली दोनों में शैली मौजूद थी कि अपने दिन पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा देते थे। हालांकि, जब बात पारी की पहली गेंद पर स्‍ट्राइक लेने की होती थी तो हमेशा गांगुली को उसका सामना करना पड़ता था क्‍योंकि सचिन तेंदुलकर के पास पहली गेंद का सामना नहीं करने का कारण होता था।

सचिन के पास दो कारण थे

मयंक अग्रवाल ने गांगुली से सवाल किया कि सचिन तेंदुलकर आपको स्‍ट्राइक लेने के लिए जोर देते थे। इस पर गांगुली ने जवाब दिया, 'हमेशा ऐसा होता था। उनके (सचिन तेंदुलकर) के पास इसका जवाब होता था। मैंने उन्‍हें कई बार बोलता था कि तुम कभी पहली गेंद का सामना कर लो, मैं तो हमेशा ही पहली गेंद का सामना करता हूं। उनके पास इसके दो जवाब होते थे- पहला: उनका मानना था कि अगर अच्‍छे फॉर्म में है तो इसे जारी रखना चाहिए और उन्‍हें ऐसे में नॉन स्‍ट्राइकर्स छोर पर रहना चाहिए। दूसरा- अगर उनकी फॉर्म अच्‍छी नहीं है तो नॉन स्‍ट्राइकर्स एंड पर रहना चाहिए क्‍योंकि इससे मुझ पर से दबाव हट जाता है।'

गांगुली ने आगे कहा, 'तो सचिन के पास अच्‍छे और बुरे दोनों फॉर्म के जवाब होते थे। जब तक आप उनसे आगे निकलकर जाकर नॉन स्‍ट्राइकर्स एंड पर नहीं खड़े हो जाओ और चूकि वो टीवी पर होते थे तो मजबूरन स्‍ट्राइकर्स एंड पर जाना पड़ता था। ऐसा 1-2 बार हुआ है। मैं उनके आगे निकला और जाकर नॉन स्‍ट्राइकर्स एंड पर खड़ा हो गया।'

बता दें कि सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने एक दशक से ज्‍यादा समय तक ड्रेसिंग रूम साझा किया और दोनों अपने करियर के दौरान भारतीय बल्‍लेबाजी क्रम के मजबूत स्‍तंभ बनकर रहे। दोनों उस भारतीय टीम का हिस्‍सा रहे, जिसने 2002 में नेटवेस्‍ट ट्रॉफी का खिताब जीता और आईसीसी विश्‍व कप 2003 के फाइनल में पहुंचे, जहां भारत को फाइनल में ऑस्‍ट्रेलिया के हाथों शिकस्‍त झेलनी पड़ी।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल