- इंग्लैंड के खिलाफ इस भारतीय बल्लेबाज का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा
- यह बल्लेबाज पूरी सीरीज में रन बनाने के लिए संघर्ष करता दिखा
- सहवाग का मानना है कि अगली सीरीज में यह फ्लॉप हो तो टीम से बाहर कर देना चाहिए
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे अगर अगली घरेलू टेस्ट सीरीज में फ्लॉप रहते हैं तो उन्हें टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न टेस्ट सीरीज में अजिंक्य रहाणे रन बनाने के लिए तरसे हैं। भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान ने चार टेस्ट में केवल 109 रन बनाए जबकि खराब फॉर्म के बावजूद उन्हें प्लेइंग XI में बरकरार रखा गया।
वीरू का मानना है कि रहाणे को भारत की अगली घरेलू टेस्ट सीरीज में जरूर मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन अगर वह रन नहीं बना पाएं तो फिर टीम से बाहर कर देना चाहिए। अजिंक्य रहाणे इतने सालों में भारतीय बल्लेबाजी क्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में लगातार मौके मिलने के बावजूद वह रन बनाने में कामयाब नहीं हुए हैं।
सहवाग ने सोनी स्पोर्ट्स पर बातचीत में कहा, 'हर कोई खराब दौर से गुजरता है। सवाल यह है कि खराब दौर में आप खिलाड़ी के साथ कैसा बर्ताव करते हैं। आप उनका समर्थन करते हैं या फिर उन्हें बाहर कर देते हैं। मेरे मुताबिक रहाणे को एक और मौक मिलना चाहिए, जब भारत में अगली टेस्ट सीरीज होगी। अगर वो प्रदर्शन नहीं कर पाते तो आप कह सकते हैं- आपके योगदान के लिए धन्यवाद।'
अजिंक्य रहाणे इसलिए मौके के हकदार: वीरू
अजिंक्य रहाणे पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के सर्वश्रेष्ठ रन स्कोरर थे। तब उन्होंने 18 मैचों में 1159 रन बनाए थे। हालांकि, पिछले साल मेलबर्न में आखिरी शतक जमाने के बाद रहाणे के फॉर्म में लगातार गिरावट नजर आई। सहवाग का मानना है कि रहाणे को घर में मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि भारत को विदेश से ज्यादा घरेलू जमीन पर टेस्ट सीरीज खेलनी है।
पूर्व भारतीय ओपनर ने कहा, 'मेरा मानना है कि जब आपका विदेशी दौरा खराब बीते, तो आपको भारत में मौका जरूर मिलना चाहिए क्योंकि विदेशी दौरा चार साल में एक बार आता है, लेकिन भारत में आप हर साल सीरीज खेलते हो। अगर भारत में सीरीज खराब बीते, तो मैं समझ सकता हूं कि विदेश और घरेलू दोनों जगह खराब फॉर्म है। फिर उसे टीम से बाहर करना जायह है।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने कई दिग्गज खिलाड़ियों को देखा है कि 8-9 टेस्ट में कुछ नहीं किया, एक अर्धशतक भी नहीं जमाया और फिर उनके साथ टिके रहने पर आगे चलकर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक साल में 1200 या 1500 रन बनाकर दिए।'