- टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे रोचक मैचों में से एक
- इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच फरवरी 1957 में खेला गया जोहानिसबर्ग टेस्ट
- ह्यूज टेफील्ड ने अंतिम पारी में ऐसा कहर बरपाया, इंग्लैंड को मिली शर्मनाक हार
क्रिकेट के सबसे पुराने व सबसे प्रतिष्ठित फॉर्मेट- टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बेहद तमाम यादों, रिकॉर्ड्स, आंकड़ों से भरा हुआ है। कभी बल्लेबाजों ने जलवा बिखेरा, तो कभी गेंदबाजों व फील्डरों ने। आज हम यहां जिसकी बात करने जा रहे हैं, वो एक ऐसे मैच से जुड़ा किस्सा है जहां एक गेंदबाज ने क्रिकेट के जनक इंग्लैंड को हिलाकर रख दिया था। आज से तकरीबन 64 साल पहले इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में खेला गया टेस्ट मैच।
इंग्लैंड की दिग्गज टेस्ट टीम 1957 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थी। उस टेस्ट सीरीज के चौथे टेस्ट मैच का अंत आज ही के दिन (20 फरवरी) हुआ था और ऐसा अंत हुआ था कि सब दंग रह गए। उस मैच में मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पहली पारी में उनकी टीम 340 रन बनाकर सिमट गई।
ह्यूज टेफील्ड ने दिखाया ट्रेलर
जब इंग्लैंड की टीम जवाब देने उतरी तो उनकी पहली पारी 251 रन पर ही सिमट गई और इसका श्रेय गया, दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर ह्यूज टेफील्ड को। इस स्पिनर ने 37 ओवर में 15 मेडन ओवर किए और कुल 79 रन लुटाते हुए 4 विकेट लिए। लेकिन ये तो इस गेंदबाज का बस ट्रेलर था, दूसरी पारी में वो पूरी फिल्म दिखाने वाले थे।
दक्षिण अफ्रीका दूसरी पारी में सस्ते में सिमटा
दूसरी पारी में जब दक्षिण अफ्रीकी टीम मैदान पर उतरी तो उनकी पूरी टीम 142 रन पर सिमट गई। यानी दक्षिण अफ्रीकी टीम ने इंग्लैंड को सिर्फ 232 रनों का लक्ष्य दिया और इंग्लिश टीम के बैटिंग लाइन अप को देखते हुए ये उम्मीद जताई जा रही थी कि वे आसानी से इस मैच को अब जीत लेंगे।
इंग्लैंड ने 2 विकेट पर 147 रन बना लिए थे
मैच की अंतिम पारी में जब इंग्लैंड की टीम 232 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो उसने सोचा नहीं था कि कुछ ऐतिहासिक होने वाला था। इंग्लैंड की टीम 2 विकेट खोकर 147 रन बना चुकी थी और जीत की तरफ तेजी से बढ़ रही थी।
और फिर आया टेफील्ड का तूफान
इंग्लैंड की टीम बस जीत के करीब दिख रही थी तभी, पहली पारी में चार विकेट लेने वाले दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर ह्यूज टेफील्ड का तूफान आया। इस स्पिनर ने इतनी शानदार गेंदबाजी की, कि इंग्लैंड की टीम महज 214 रन पर सिमट गई और अंतिम दिन का खेल खत्म होने से पहले ही दक्षिण अफ्रीका ने 17 रन से ये मैच जीत लिया।
उन दिनों एक ओवर 8 गेंदों का होता था। ह्यूज टेफील्ड ने एक स्पेल में लगातार 35 ओवर किए और इंग्लैंड की धज्जियां उड़ा दीं। टेफील्ड ने 37 ओवर किए जिसमें 11 मेडन ओवर शामिल थे और अकेले 9 विकेट झटक डाले। उन्होंने अकेले दम पर इंग्लैंड की पूरी टीम को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया और ये टेस्ट इतिहास में किसी गेंदबाज द्वारा अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में शुमार किया जाता है।
उनके खून में दौड़ता था क्रिकेट
ह्यूज टेफील्ड का जन्म डरबन में हुआ था और वो एक दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफ स्पिनर थे। उनके परिवार में कई सदस्य शीर्ष स्तर पर क्रिकेट खेलते थे या खेल चुके थे। उनके अंकल, दो सगे भाई और दो और भाई क्रिकेटर थे। पूरे परिवार के खून में क्रिकेट था और टेफील्ड ने अपने उस ऐतिहासिक प्रदर्शन से अपना करियर सबसे खास बना दिया। उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 170 विकेट लिए जबकि 187 प्रथम श्रेणी मैचों में 864 विकेट लिए थे।