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MI vs KXIP: अगर दूसरा सुपर ओवर भी हो जाता टाई? तो क्‍या होता, जानिए आईसीसी के नियम

Updated Oct 19, 2020 | 14:17 IST

Mumbai Indians vs Kings XI punjab: आईपीएल 2020 के 36वें मैच में रोमांच की हदें पार हो गई। इस मैच में एक अलग ही रिकॉर्ड बना। पहले 20 ओवर का मैच टाई हुआ और इसके बाद पहला सुपर ओवर भी टाई हो गया।

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मुंबई इंडियंस बनाम किंग्‍स इलेवन पंजाब
मुख्य बातें
  • मुंबई इंडियंस और किंग्‍स इलेवन पंजाब के बीच दूसरे सुपर ओवर में निकला नतीजा
  • मुंबई इंडियंस और किंग्‍स इलेवन पंजाब के बीच पहला सुपर ओवर भी रहा टाई
  • किंग्‍स इलेवन पंजाब ने ऐतिहासिक मुकाबले में मुंबई इंडियंस को दूसरे सुपर ओवर में मात दी

दुबई: मुंबई इंडियंस और किंग्‍स इलेवन पंजाब के बीच रविवार को खेले गए आईपीएल 2020 के 36वें मैच में रोमांच की हदें पार हो गई। इस मैच में एक अलग ही रिकॉर्ड बना। पहले 20 ओवर का मैच टाई हुआ और इसके बाद पहला सुपर ओवर भी टाई हो गया। इसके बाद मैच का नतीजा निकालने के लिए दूसरा सुपर ओवर खेला गया, जिसमें किंग्‍स इलेवन पंजाब ने मुंबई इंडियंस को पटखनी दी।

आईपीएल इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एक मैच में दो सुपर ओवर फेंके गए। ऐसे में दूसरे सुपर ओवर के दौरान कुछ उलझन भी देखने को मिली। खासतौर पर इसके नियमों को लेकर खिलाड़ी थोड़ा असमंजस में दिखे। अब सवाल यह उठा कि अगर दूसरा सुपर ओवर भी टाई हो जाता तो फिर मैच का परिणाम निकालने के लिए क्‍या किया जाता। इसको लेकर आईसीसी के क्‍या नियम है, चलिए आपको बताते हैं।

आईसीसी के सुपर ओवर नियम

  • आईसीसी के नियम के मुताबिक अगर सुपर ओवर भी टाई रहता है तो नतीजा नहीं निकलने तक सुपर ओवर खेले जाते रहेंगे। इसका मतलब अगर पहला सुपर ओवर टाई रहा तो दूसरा। अगर दूसरा भी टाई रहा तो तीसरा और जब तक नतीजा नहीं निकलता, तब तक सुपर ओवर जारी रहेंगे।
  • आईसीसी के नियम के मुताबिक सामान्‍य परिस्थितियों में अगला सुपर ओवर शुरू होने में पांच मिनट से ज्‍यादा का ब्रेक नहीं होना चाहिए। 
  • पिछले सुपर ओवर में जिस टीम ने बाद में बल्‍लेबाजी की थी, अगले सुपर ओवर में वह बल्‍लेबाजी करेगी।
  • इसके अलावा पिछले सुपर ओवर में टीमों ने जिस गेंद को चुना था, वो अगला सुपर ओवर भी उसी गेंद से करेगी।
  • फील्डिंग साइड अगला सुपर ओवर उस छोर से नहीं फेंक सकती, जिस छोर से उसने दूसरा सुपर ओवर डाला था। यानी अगला ओवर दूसरे छोर से डालना अनिवार्य है।
  • पिछले सुपर ओवर में जो बल्‍लेबाज आउट हो गया, वो अगले सुपर ओवर में बल्‍लेबाजी करने के लिए नहीं उतर सकता है।
  • जिस गेंदबाज ने पहले सुपर ओवर फेंका। वो अगले सुपर ओवर में गेंदबाजी नहीं कर सकता है।
  • इसके अलावा प्‍लेइंग कंडीशंस में कोई बदलाव नहीं होगा। जैसी पहले सुपर ओवर में स्थितियां थीं, ठीक वैसे ही दूसरे सुपर ओवर में भी रहेंगी।
  • जिन मैचों को टालने की स्थिति नहीं हो यानी डबल हेडर में अगर दूसरा मुकाबला खेला जाना हो। तो घरेलू बोर्ड सीरीज शुरू होने से पहले भाग लेने वाली टीमों को संभावित सीमित ओवरों की संख्‍या की जानकारी देगा।

अगर नहीं बदलता नियम तो जीत मुंबई की होती

याद हो कि 2019 विश्‍व कप के फाइनल में इंग्‍लैंड और न्‍यूजीलैंड के बीच मुकाबला सुपर ओवर के बाद भी टाई रहा था और फिर मैच का नतीजा बाउंड्री के आधार पर लिया गया था। मैच में ज्‍यादा बाउंड्री जमाने के कारण इंग्‍लैंड को विजेता घोषित किया गया था। इसे लेकर जमकर बवाल हुआ था और आईसीसी के नियमों की कड़ी आलोचना भी हुई थी।

इसके बाद आईसीसी ने सुपर ओवर के नियमों में ये बदलाव किया था कि मैच का नतीजा नहीं निकलने तक सुपर ओवर जारी रहेंगे। दिलचस्‍प बात यह है कि अगर मुंबई और पंजाब के बीच मैच में भी विश्‍व कप वाला नियम लागू होता तो ऐसे में रोहित शर्मा के नेतृत्‍व वाली टीम मुकाबला जीत जाती। मुंबई इंडियंस ने मैच में 15 चौके और 9 छक्‍के जड़े यानी कुल मिलाकर 24 बाउंड्री लगी। वहीं किंग्‍स इलेवन पंजाब ने 14 चौके और 8 छक्‍के की मदद से कुल 22 बाउंड्री मैच में जमाई थीं।

पता हो कि मुंबई इंडियंस ने पहले बल्‍लेबाजी करके 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 176 रन बनाए थे। जवाब में किंग्‍स इलेवन पंजाब ने भी 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 176 रन बनाए थे। इसके बाद पहले सुपर ओवर में दोनों टीमों ने 5-5 रन बनाए थे। दूसरे सुपर ओवर में मुंबई ने 11 रन बनाए और पंजाब ने इस लक्ष्‍य को हासिल कर लिया।

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