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10 साल से नर्क में जी रहा युवक, परिवार ने जंजीरों से बांध रखा था, वहीं करता था शौच-पेशाब

Updated Aug 10, 2021 | 17:34 IST

हरियाणा के अंबाला जिले में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को पिछले 10 सालों से जंजीरों से बांधकर घर में रखा हुआ था। एक NGO ने अब उसकी मदद की और उसे बचाया।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: हरियाणा के अंबाला जिले में लगभग एक दशक से जंजीरों से बंधा एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक बेहद मुश्किल जीवन जी रहा था। पटियाला स्थित एनजीओ 'मेरा आशियाना' ने सोमवार शाम जिले के फतेहपुर गांव में युवक को उसके घर से छुड़ाया। मेरा आशियाना के एक सदस्य ने मीडिया से कहा, 'फतेहपुर के ग्राम प्रधान ने हमें एक युवक के बारे में सूचित किया, जो पिछले एक दशक से अपने परिवार के सदस्यों द्वारा जंजीरों से बंधा हुआ था। इसके बाद हम युवक को बचाने के लिए आए।' जंजीर में बंधे युवक की पहचान सरबजीत के रूप में हुई है।

बताया गया कि तीन लोगों का परिवार गांव के एक जर्जर मकान के एक कमरे में रह रहा था। बचाए गए युवक को घर के एक कोने में जंजीरों में बांधा गया था। जबकि, सरबजीत के भाई और मां कमरे के दूसरे कोने में रहते थे।

एनजीओ के एक सदस्य ने कहा, 'ऐसा लगता है कि घर की सालों से सफाई नहीं हुई है। कमरे की हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि सरबजीत जिस जगह बंधा हुआ था, वो वहीं शौच और पेशाब करता था। जैसे ही हमने घर में प्रवेश किया, हम एक सेकंड के लिए भी अंदर खड़े नहीं हो सके क्योंकि कमरे में पेशाब और मल से बदबू आ रही थी।'

एनजीओ के सदस्यों ने कहा कि युवक को घर से निकालने में उन्हें कई घंटे लग गए। ऐसा लगता है कि सरबजीत को बांधने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चेन और ताला कभी नहीं बदला गया। जंजीर और ताला जंग खा रहे थे। एनजीओ के सदस्यों को यह भी पता चला कि युवक की मां भी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। एनजीओ के एक अन्य सदस्य ने कहा, 'जब हम युवक को बचाने की कोशिश कर रहे थे, तो पीड़िता की मां कमरे के एक कोने में बैठी थी और वह हमें घूर रही थी। जब उससे बात करने की कोशिश की तो वह केवल बड़बड़ा रही थी और सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे रही थी। 

एनजीओ कार्यकर्ता ने कहा कि उसके साथ बातचीत करते हुए हमें पता चला कि वह चाहती थी कि सरबजीत सामान्य हो और उसके लिए सबसे अच्छा इलाज हो। हालांकि, वह अपनी आर्थिक स्थिति के कारण अपने दो बेटों को अच्छा और स्वस्थ जीवन प्रदान करने में असमर्थ थी। युवक को बचाने के बाद उन्होंने लगभग 10 साल बाद उसे स्नान कराया और घर की ठीक से सफाई की।